अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो की अपने भारतीय और पाकिस्तानी समकक्ष से बातचीत और दोनों पक्षों को तनाव कम करने और संयम बरतने के आग्रह के कई कूटनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। एक पक्ष इसे पहलगाम आतंकी हमला मामले में अमेरिका की नीति में बदलाव के रूप में देख रहा है। हालांकि सच्चाई यह है कि साल 2016 में उरी और 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनातनी के दौरान दोनों पक्षों से तनाव कम करने और संयम बरतने का आग्रह किया था। हालांकि इसके बावजूद भारत ने पाकिस्तान से सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के रूप में बदला लिया था। उच्च पदस्थ सूत्र ने कहा कि दो देशों के बीच तनाव के दौरान संयम बरतने और तनाव दूर करने की सलाह कूटनीति के पाठ्यक्रम का हिस्सा है। रूस-यूक्रेन युद्ध मामले में भी अमेरिका सहित अन्य देशें ने दोनों देशों को ऐसी ही सलाह दी थी। पुलवामा आतंकी हमले के बाद अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और उरी आतंकी हमले के बाद जॉन केरी ने तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से इसी तरह बात की थी। तब भी अमेरिका ने दोनों पक्ष से ऐसा ही आग्रह किया था। हालांकि इसके बावजूद भारत ने सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान को सख्त संदेश दिया था।
इस बार चरम पर है आक्रोश
सूत्र ने कहा कि पहलगाम मामले में देशभर में पुलवामा और उरी की घटना की तुलना में बहुत ज्यादा आक्रोश है। हमें यह भी पता है कि यह आक्रोश न सिर्फ हमारे समर्थक वोट बैंक में सबसे ज्यादा है, बल्कि अतीत में उरी-पुलवामा मामले में पाकिस्तान को सबक सिखाने के बाद लोगों की पीएम मोदी से अपेक्षा बहुत बढ़ गई है। पूर्व की सरकारों के कार्यकाल में हुई आतंकी घटनाओं पर सुरक्षा या खुफिया तंंत्र के फेल होने से ज्यादा चर्चा यह है कि इस बार पाकिस्तान के खिलाफ कैसी कार्रवाई होगी। ऐसे में हमें पूर्व की दो घटनाओं की तुलना में पाकिस्तान को ज्यादा सख्त संदेश देना होगा।
पाक बना रहा खुद को परमाणु शक्ति संपन्न होने को हथियार
पिछली अनेक आतंकी घटनाओं की तरह इस बार भी पाकिस्तान भारत की कार्रवाई से बचने के लिए अपने परमाणु हथियारों की आड़ ले रहा है। सूत्र ने कहा कि यह पाकिस्तान का पुराना हथकंडा है। चाहे संसद भवन पर हमला हो, मुंबई में नरसंहार का मामला हो या फिर उरी या पुलवामा का। पाकिस्तान खुद के परमाणुशक्ति संपन्न होने का दुनिया को डर दिखाना चाहता है। हालांकि इसके बावजूद भारत ने कारगिल, उरी, पुलवामा मामले में उसकी परवाह नहीं की। दुनिया को पता है कि परमाणु हथियार का उपयोग करना इतना आसान नहीं है। अगर इतना ही आसान होता तो यूक्रेन से सालों से युद्ध लड़ रहा रूस इसका उपयोग कर लेता।
हर हाल में होगी एतिहासिक कार्रवाई
पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए भारत को बस उचित समय का इंतजार है। सूत्र का कहना है कि इस बार पाकिस्तान को पहले की तुलना में बड़ी और एतिहासिक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। भारत न सिर्फ उसे सैन्य स्तर पर बल्कि कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर भी बड़ा झटका देगा।