Friday, November 7, 2025
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उत्तराखंड में साइबर कमांडो सक्रिय STF ने जारी की एडवाइजरी साइबर हमले की आशंका

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच साइबर हमले की आशंका को देखते हुए एसटीएफ ने अपने साइबर कमांडो को सक्रिय कर दिया है। साथ ही एक विशेष टीम का गठन किया गया है, जो कि हर प्रकार की वेब गतिविधियों पर नजर रख रही है। एसटीएफ की ओर से प्रदेशवासियों के लिए एक एडवाइजरी भी जारी की गई है। इसमें लोगों को ऐसे माहौल में क्या सावधानी बरतनी चाहिए इन सब बातों को बताया गया है। बता दें कि पाकिस्तान से तनाव के बीच साइबर हमले की भी बातें हो रही हैं। सोशल मीडिया पर कई तरह के लिंक आदि की चर्चाएं भी आम हैं। ऐसे में आशंका इस बात की है कि दुश्मन अपने हैकर्स की मदद से सरकारी वेब सिस्टम पर हमला कर सकता है। ऐसे में डीजीपी दीपम सेठ ने एसटीएफ को विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।

इसी क्रम में एसटीएफ ने पिछले दिनों शामिल किए गए चार साइबर कमांडो को इस निगरानी तंत्र की जिम्मेदारी दी है। साइबर कमांडो के साथ इस टीम में 10 अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों को भी तैनात किया गया है। ये सभी जागरूकता से लेकर हर संभावित हमले को नाकाम करने के लिए काम करेंगे। इसके लिए बृहस्पतिवार शाम को एसटीएफ कार्यालय में हुई बैठक में पूरी टीम को 24 घंटे सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए हैं।

पिछले साल हमला झेल चुका है सरकारी सिस्टम
पिछले साल अक्तूबर में प्रदेश का वेब सिस्टम साइबर हमला झेल चुका है। कई दिनों तक सभी सरकारी वेबसाइट को इस हमले के बाद बंद रखा गया था। कुछ सरकारी पोर्टलों का डाटा भी चोरी हुआ था। इसकी भी एसटीएफ और साइबर पुलिस जांच कर रही है। उस वक्त यह हमला भी विदेश से प्रायोजित ही बताया गया था। फिलहाल पूरा सिस्टम पहले से अधिक मजबूती और सुरक्षा उपायों के साथ चालू है, लेकिन हमले की आशंका को देखते हुए एहतियातन निगरानी तंत्र को मजबूत किया जा रहा है।

एसटीएफ की एडवाइजरी
क्या करें..

केवल अधिकारिक जानकारी साझा करें : केवल सरकारी स्रोतों, अधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल्स और मान्यता प्राप्त एजेंसियों से प्राप्त सूचना ही साझा करें।
समाचार के तथ्यों की जांच : किसी भी फोटो, वीडियो या समाचार को साझा करने से पहले उसकी पुष्टि सरकारी स्रोतों से करें।
फर्जी खबरों की रिपोर्ट : संदिग्ध पोस्ट या अकाउंट की रिपोर्ट तत्काल साइबर हेल्पलाइन और संबंधित एजेंसियों को करें।
सोचें, फिर पोस्ट करें : कुछ भी पोस्ट करने से पहले उसके प्रभाव पर जरूर विचार करें। इसके बाद ही उसे आगे प्रसारित करें।

क्या न करें…
सेना की गतिविधियों या तैनाती की जानकारी साझा न करें।
असत्यापित या भड़काऊ सूचनाएं प्रसारित न करें : इससे आप अनजाने में फेक न्यूज फैलाने में दुश्मन की मदद कर सकते हैं।
अनजाने बैंक खाते : तनाव का समय है, इसका फायदा साइबर अपराधी उठा सकते हैं। ऐसे में कोई सरकार की मदद के लिए बैंक खाता प्रसारित हो तो उसकी जांच कर लें। तभी आगे कदम बढ़ाएं।
अनजाने ईमेल लिंक और अटैचमेंट : इस तरह के लिंक और ईमेल में वायरस या स्पाईवेयर (जासूसी) हो सकता है।
कोई भी गलत एप डाउनलोड न करें : अनाधिकृत स्रोतों से कोई भी एप डाउनलोड न करें।
साइबर धोखाधड़ी होने पर : हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें
ऑनलाइन रिपोर्ट : साइबर क्राइम डॉट जीओवी डॉट इन पर ऑनलाइन शिकायत करें।

कौन हैं साइबर कमांडो
पिछले दिनों देश में साइबर कमांडो फोर्स गठित करने के लिए सभी प्रदेशों के पुलिसकर्मियों के लिए गृह मंत्रालय की ओर से एक परीक्षा आयोजित की गई थी। इसमें फिलहाल चार साइबर कमांडो उत्तराखंड पुलिस के भी तैयार हुए हैं। इन्हें देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों से प्रशिक्षित किया गया है। इनमें आईआईटी, फोरेंसिक यूनिवर्सिटी आदि संस्थान शामिल हैं। इस परीक्षा में दो साइबर कमांडो ने पूरे देश में शीर्ष 10 में स्थान पाया था। साइबर हमले की आशंका को देखते हुए साइबर थाने के साइबर कमांडो को शामिल करते हुए एक सेल का गठन किया गया है। यह सेल हर वक्त इंटरनेट गतिविधियों पर नजर रख रही है। किसी भी प्रकार के संदिग्ध वेब पेज, लिंक आदि की निगरानी करते हुए उसे ब्लॉक कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए एक एडवाइजरी भी जारी की गई है। – नवनीत सिंह भुल्लर, एसएसपी, एसटीएफ

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