Thursday, November 6, 2025
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पुरानी किताबों से पढ़ने की मजबूरी डेढ़ माह में भी नहीं पहुंचीं पूरी पुस्तकें

काशीपुर। शिक्षा विभाग की ओर से डेढ़ माह में भी अपर्याप्त पुस्तकें भेजकर मरहम लगाने का काम किया जा रहा है। इस दौरान पुरानी पुस्तकों से ही छात्र-छात्राएं स्कूलों में अध्ययन करने को विवश हैं। विभागीय अधिकारी शीघ्र ही शेष पुस्तकें पहुंचने का दावा कर रहे हैं।ब्लॉक के राजकीय विद्यालयों में करीब 80 हजार पुस्तकों की डिमांड है। सत्र शुरू होने के डेढ़ माह के दौरान तीन खेप में विभिन्न विषयों की नई पुस्तकें पहुंचीं, जो सीआरसी के माध्यम से स्कूलों में वितरित करा दी गईं हैं।

पिछले महीने पहली खेप में 15 विषयों की पुस्तकें स्कूलों को उपलब्ध कराई गईं थीं। कक्षा एक से आठ तक विभिन्न विषयों की पुस्तकें पहुंची हैं, लेकिन यह अधूरी पुस्तकें है। विद्यार्थी पुरानी पुस्तकों से काम चला रहे हैं। इसके अलावा कक्षा नौ से 12वीं तक स्कूलों के लिए भी अधूरी पुस्तकें पहुंची हैं। वहीं सभी स्कूलों में बुक बैंक बनाए गए हैं। नई पुस्तकें आने के बाद पुरानी पुस्तकें जमा करके बुक बैंक में रख दी जाती हैं।अधिकतर नई पुस्तकें पहुंच चुकी हैं। सीआरसी के माध्यम से स्कूलों को वितरित करा दी गईं हैं। 9-12 तक के बच्चों की कुछ पुस्तकें पहुंचने लगी हैं। शेष पुस्तकें शीघ्र ही पहुंच जाएंगी। – धीरेंद्र कुमार साहू, बीईओ, काशीपुर

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