रुद्रपुर कोतवाली पुलिस और एएनटीएफ की संयुक्त टीम ने ओडिशा से गांजा लेकर आए दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। उनका तीसरा साथी पुलिस के हत्थे नहीं आ सका। पुलिस ने दोनों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में केस दर्ज किया है।पुलिस और एएनटीएफ की संयुक्त टीम मंगलवार सुबह भूरारानी रोड पर रेलवे क्राॅसिंग से 200 मीटर आगे संदिग्ध वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इसी बीच भूरारानी की तरफ से आ रही हरियाणा नंबर की कार के चालक ने खुशी इन्क्लेव के पास टीम को देखकर वाहन को मोड़कर भागने की कोशिश की। ट्रैफिक अधिक होने की वजह से कार मुड़ नहीं सकी। इस पर कार से दो लोग उतरकर भागने लगे, जिन्हें पुलिस ने पकड़ लिया।
दोनों ने अपना नाम दीपांकर विश्वास निवासी कंचनतारा होटल के पास रविंद्रनगर और घनश्याम निवासी ग्राम पेहरा थाना हथीन, जिला पलवल हरियाणा बताया। पुलिस ने जब कार की डिकी जांची तो उसके नीचे बनाए चैंबर से तीन कट्टों में 47.570 किलो गांजा निकाला। आरोपियों ने बताया कि वे रमेश साहनी उर्फ पेंटर के साथ मिलकर ओडिशा से गांजा लाते हैं। रमेश गांजा बेचने का काम करता था। उनके पास से दो मोबाइल और 21, 900 रुपये भी बरामद हुए।आरोपी ओडिशा से गांजा लाकर रुद्रपुर क्षेत्र में बेचने जा रहे थे। गांजा तस्करी में लिप्त तीसरे अभियुक्त रमेश साहनी की गिरफ्तारी के लिए टीम जुटी हुई है। दोनों अभियुक्तों से गांजा तस्करी के नेटवर्क के बारे में भी जानकारी मिली है और इन पर टीम काम कर रही है। -मणिकांत मिश्रा, एसएसपी
काले कोट को ढाल बनाकर की जाती थी तस्करी
ओडिशा और छत्तीसगढ़ से उधमसिंह नगर में गांजा तस्करी का लंबे समय से नेटवर्क चल रहा है। मंगलवार को गांजा के साथ पकड़े गए दोनों अभियुक्त भी नेटवर्क संचालित करने वाले रमेश साहनी उर्फ पेंटर की गैंग में काफी समय से सक्रिय हैं। एक अभियुक्त अधिवक्ता बनकर कार में बैठता है ताकि चेकिंग के दाैरान पुलिस को शक न हो और वह बच जाएं।पूछताछ में घनश्याम ने बताया कि वह, दीपांकर और रमेश 14 मई को रुद्रपुर से कार में छत्तीसगढ़ के लिए निकले थे। यह कार उसकी है। 17 मई को तीनों ओडिशा के मलखानगिरी से गांजा लेकर निकले और 20 मई को रुद्रपुर पहुंचे थे। रमेश साहनी उर्फ पेन्टर ग्राहक लेने के लिए गया था और उनको ट्रांजिट कैंप में बुलाया था। वे मलखानगिरी से सस्ते दामों में गांजा लाकर रुद्रपुर व उसके आस पास के क्षेत्र में महंगे दामों में बेचते है। इससे होने वाले मुनाफे को आपस में बांट लेते हैं।घनश्याम ने बताया कि दीपांकर कार चलाता है। वह फर्जी अधिवक्ता बनता है और अधिवक्ता की ड्रेस पहनकर कार में बैठता है। वह अदालत से संबंधित फाइलों को कार के डैशबोर्ड और पिछली सीट पर फैला देता है ताकि चेकिंग होने पर किसी को शक न हो। गाड़ी की डिकी के नीचे गांजा छुपाने के लिए एक चैंबर बना रखा है। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि घनश्याम फर्जी अधिवक्ता बनकर गांजा तस्करी कराता था। ओडिशा में गांजा खरीदने में रमेश साहनी उर्फ पेंटर का रुपया लगा था।
अलग-अलग वजह के 43 पैकेट मिले
नशा तस्करों में गांजा को अलग-अलग पैकेट में रखकर उस पर टेप लपेटा हुआ था। पैकेटों के जरिये गांजा की होम डिलीवरी करने की तैयारी थी। पुलिस को कार से गांजा के एक किलो के 28 पैकेट , पांच किलो के तीन पैकेट और आधा किलो के छह पैकेट मिले। इसके अलावा 250 ग्राम के पांच पैकेट और डेढ़ किलो का एक पैकेट मिला।
मध्य प्रदेश के मुरैना में गैंग सहित पकड़ा गया था रमेश पेंटर
गांजा तस्करी में पुलिस को रमेश पेंटर की तलाश है। रमेश जुलाई 2022 में डेढ़ क्विंटल गांजा के साथ मध्यप्रदेश के मुरैना में गैंग के चार अन्य सदस्यों के साथ गिरफ्तार हुआ था। यह कार्रवाई रुद्रपुर एसओजी और मुरैना पुलिस ने संयुक्त रूप से की थी। इसके अलावा रुद्रपुर, किच्छा और सितारगंज में गांजा के साथ पकड़े गए तस्करों ने रमेश पेंटर का नाम उगला था।