1945 के द्वितीय विश्व युद्ध में भी ट्रेड्स कप हॉकी जैसी ऑल इंडिया रैंक की हॉकी प्रतियोगिता डीएसए मैदान पर नहीं रुकी। मगर यहां तीन विभागों की आपसी तिकड़म से न केवल ट्रेड्स कप बल्कि डीएसए मैदान में खेली जाने वाली तमाम प्रतिष्ठित प्रतियोगिताओं के आयोजन पर सवाल खड़ा हो गया है। मुद्दा डीएसए मैदान पर स्वामित्व का है, जिसमें पालिका प्रशासन, जिला क्रीड़ा संघ और खेल विभाग की तिकड़म यह तय नहीं कर पा रही है कि मैदान होगा किसका। इसीलिए प्रतियोगिताओं के आयोजन पर संकट खड़ा हो गया है।
पालिका में प्रशासक के कार्यकाल के दौरान जिला खेल विभाग व जिला क्रीड़ा संघ (डीएसए) के बीच हुए अनुबंध के चलते जिला खेल विभाग मल्लीताल खेल मैदान में अपना स्वामित्व जताता है। पालिका प्रशासन इसे बोर्ड गठन के बाद का बताते हुए, मानने से इनकार करता है। बोर्ड बैठक में पालिका प्रशासन ने इस करार को रद्द कर स्वयं खेल कराने का ऐलान भी कर दिया है। दशकों से काबिज डीएसए अभी मुख्य भवन में काबिज है। क्लबों के माध्यम से कराई जाने वाली प्रतियोगिताएं सुचारु हैं। शताब्दी वर्ष पुरानी मुख्य प्रतियोगिता से वह भी किनारा कर रहा है। ऐेसे में तीनों विभागों के बीच हो रहे खेल में प्रतिष्ठित प्रतियोगिताओं के भविष्य पर सवालिया निशान लग रहा है।
द्वितीय विश्व युद्ध में भी नहीं रुकी थी ट्रेड्स कप हॉकी
डीएसए मैदान में होने वाली ट्रेड्स कप हॉकी प्रतियोगिता 1922 में शुरू हुई। 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भी यह प्रतियोगिता जारी रही। कोविड में दो वर्ष बाधित होने के बाद इस वर्ष इसका शताब्दी वर्ष है। जून के पहले सप्ताह में प्रतियोगिता शुरू होती है, जिसकी तैयारी कहीं नजर नहीं आ रही हैं। इस प्रतियोगिता के माध्यम से ओलंपियन सैयद अली, ओलंपियन राजेंद्र सिंह रावत, एनएस बिष्ट, सुरेन्द्र सिंह बिष्ट आदि ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई।
ये हैं प्रतिष्ठित प्रतियोगिताएं
1899-रामपुर कप फुटबॉल प्रतियोगिता
1902-मोदी हॉकी प्रतियोगिता
1922-ट्रेड्स कप हॉकी प्रतियोगिता
1922-लैंडो लीग फुटबॉल प्रतियोगिता
1947-स्वतंत्रता दिवस फुटबॉल प्रतियोगिता
पालिका ने बोर्ड बैठक में स्वयं खेल गतिविधियां कराने की घोषणा की थी। लेकिन खेल व खिलाड़ी हित में मैदान की गतिविधियों में कभी भी व्यवधान नहीं किया गया। प्रतिष्ठित खेल प्रतियोगिताओं को जारी रखने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। -डॉ.सरस्वती खेतवाल, पालिकाध्यक्ष
अभी मैं खेलो इंडिया खेलो प्रतियोगिताओं के तहत दमन-दीव में हूं। पालिका से अनुबंध में विभाग को प्रतिष्ठित खेल कराने की जिम्मेदार भी दी गई थी। नैनीताल वापसी पर जिला प्रशासन व अन्य से वार्ता कर हॉकी प्रतियोगिता कराने की प्रभावी पहल की जाएगी। – निर्मला पंत जिला खेल अधिकारी।
डीएसए पूर्व से ही इस प्रतियोगिता को कराता आया है। इस वर्ष भी प्रतियोगिता कराने का पक्षधर है। शताब्दी वर्ष में प्रतियोगिता जरूर होनी चाहिए। संस्था के माध्यम से भी पालिका व अन्य से वार्ता की जा रही है। – अनिल गड़िया, महासचिव डीएसए।