Friday, November 7, 2025
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तीन सदस्यीय समिति गठित बिना अनुमति पेड़ों की कटाई के लिए डीडीए अधिकारियों पर जुर्माना

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि डीडीए के अधिकारियों ने दिल्ली के दक्षिणी रिज में सड़कों को चौड़ा करने के लिए अवैध तरीके से पेड़ों की कटाई की। सुप्रीम कोर्ट ने इसे अवमाननापूर्ण कार्रवाई माना और पेड़ों की अवैध कटाई के लिए जिम्मेदार डीडीए अधिकारियों पर 25-25 हजार रुपये जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए और दिल्ली सरकार के अधिकारियों के लिए कुछ विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो वृक्षारोपण को बढ़ावा देने और दिल्ली में हरित कवर को बढ़ाने के लिए डीडीए और दिल्ली सरकार को सुझाव देगी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने निर्देश दिया कि अब से वनरोपण, सड़क निर्माण, पेड़ों की कटाई या संभावित पारिस्थितिक प्रभाव वाली किसी भी गतिविधि से संबंधित प्रत्येक अधिसूचना या आदेश में इस न्यायालय के समक्ष संबंधित कार्यवाही के लंबित होने का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए।

जस्टिस टी विनोद कुमार को मद्रास हाईकोर्ट भेजने की सिफारिश
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस टी विनोद कुमार को तेलंगाना उच्च न्यायालय से मद्रास उच्च न्यायालय भेजने की सिफारिश की है। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने 26 मई की बैठक में यह सिफारिश की। 17 नवंबर 1964 को जन्में जस्टिस विनोद कुमार ने नलगोंडा जिले के सूर्यापेट से शुरुआती पढ़ाई की। इसके बाद वे उच्च शिक्षा के लिए हैदराबाद चले गए। उन्होंने ओस्मानिया यूनिवर्सिटी से स्नातक और एलएलबी की पढ़ाई की। साल 1988 में जस्टिस कुमार आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में वकील के तौर पर पंजीकृत हुए। साल 2015 में वे आयकर विभाग के स्टैंडिंग काउंसल नियुक्त हुए और साल 2016 में वाणिज्यिक कर के लिए विशेष स्टैंडिंग काउंसल। 26 अगस्त 2019 को उन्हें तेलंगाना उच्च न्यायालय में बतौर जज नियुक्त किया गया।

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