सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चकराता केवल प्राथमिक उपचार की सुविधा देने तक सीमित है। यहां नौ में छह विशेषज्ञों के पद खाली हैं। मेडिकल अफसर ही मरीजों को देखते हैं। अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर समेत अन्य चिकित्सा सेटअप की भी कमी है। क्षेत्रवासी लगातार विशेषज्ञों की तैनाती और सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मांग कर रहे हैं। चकराता क्षेत्र की आबादी करीब एक लाख है। यह देहरादून का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यहां मानसून सीजन के तीन माह को छोड़कर हमेशा पर्यटकों की आवाजाही बनी रहती है। आबादी को देखते हुए यहां सीएचसी बनाया गया था, लेकिन सुविधाएं पीएचसी की मिल रही हैं।
स्वास्थ्य विभाग मरीजों के उपचार के लिए विशेषज्ञ नहीं भेज रहा है। अस्पताल में विशेषज्ञों के नौ पद हैं। करीब पांच वर्ष से प्रभारी चिकित्साधिकारी, फिजिशियन, सर्जन, निश्चेतक, महिला एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ और बाल रोग विशेषज्ञ के पद रिक्त चल रहे है। बीच में कुछ समय के लिए बाल रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति हुई थी, लेकिन वह भी अस्पताल छोड़कर चली गईं। अस्पताल में ऑपरेशन, बीमार बच्चों और महिला संबंधी रोग के मरीजों को विकासनगर का रुख करना पड़ता है। प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि पूरे प्रदेश के अस्पतालों में विशेषज्ञों की कमी चल रही है। अस्पताल में विशेषज्ञों की तैनाती के लिए मुख्यालय को मांग भेजी गई है। उम्मीद है कि जल्द ही विशेषज्ञों की तैनात हो जाएगी।