Sunday, September 21, 2025
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वेतन न मिलने से कर्मी गुस्साए तो STH की व्यवस्थाएं हुईं धड़ाम मरीज परेशान कार्य बहिष्कार

सोमवार का दिन सुशीला तिवारी अस्पताल पर तब भारी पड़ गया जब तीन महीने का वेतन न मिलने से गुस्साए 659 उपनल कर्मी दो घंटे के कार्य बहिष्कार पर चले गए। एक साथ इतने कर्मचारियों की गैर मौजूदगी से अस्पताल के सारे जरूरी काम ठप पड़ गए। बिलिंग काउंटर से लेकर ओपीडी तक में कर्मचारियों के न होने से भर्ती-डिस्चार्ज में मरीजों हलकान हो गए। कार्य बहिष्कार से व्यवस्थाएं बनाने में अस्पताल प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए और उनकी कामचलाऊ व्यवस्थाएं धराशाईं हो गईं। गुस्साए कर्मचारियों ने हाथों में तख्तियां लेकर सोमवार को एसटीएच परिसर में सुबह 10 से 12 बजे तक धरना दिया।

15 से 20 वर्षों से वे सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन आज तक विभाग ने उनके लिए पदों का सृजन नहीं किया। पिछले तीन महीन से उन्हें वेतन नहीं मिल रहा है। मामूली वेतन के लिए भी अपमान झेलना पड़ रहा है। दू्सरी ओर दो घंटे के कार्य बहिष्कार पर जाने से नियमित कर्मियों पर काम का दबाव बढ़ गया। रिसेप्शन काउंटर में दो तीन कर्मचारी लगाए गए थे, लेकिन कार्य इतना धीमा चला कि मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ा। ओपीडी के बाहर अटेंडेंट नहीं होने पर मरीज स्वयं ही डॉक्टर कक्ष में परामर्श लेने के लिए पहुंचे। मरीजों को वार्ड तक छोड़ने का जिम्मा भी तीमारदारों को संभालना पड़ा। इस दौरान बिलिंग कार्य भी प्रभावित रहा और आईपीडी मरीजों को डिस्चार्ज होने और भर्ती होने के लिए दोपहर तक इंतजार करना पड़ा।

प्राचार्य का किया घेराव, ज्ञापन दिया
कर्मचारियों ने प्राचार्य कक्ष में पहुंचकर उनका घेराव किया। कहा कि उच्च न्यायालय और 15 अक्तूबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारियों के नियमितिकरण का आदेश जारी किया था, जिसका आज तक अनुपालन नहीं हुआ है। 23 मार्च को मुख्यमंत्री ने भी उपनल कर्मियों को नियमित करने की घोषणा की थी, लेकिन उन्हें तो वेतन के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। अब मेडिकल कॉलेज प्रशासन अधिकतर कार्य आउटसोर्स पर देने की तैयारी में है जो उचित नहीं है। उन्होंने प्राचार्य से पदों का सृजन कराने, वेतन देने और बाहरी एजेंसी को काम न देने की मांग करते हुए न्यायालय जाने की चेतावनी दी।

सुबह सफाई के बाद पर्यावरण मित्र भी आंदोलन में कूदे
सुबह आठ बजे सफाई करने के बाद जब संविदा पर्यावरण मित्रों को आंदोलन की भनक लगी तो वे भी सुबह 10 बजे से धरने में शामिल हो गए। इस दौरान वार्डों में दो घंटे तक सफाई व्यवस्था चरमरा गई। धरना समाप्त होने के बाद 12 बजे सभी कर्मचारी काम पर लौटे तो अस्पताल प्रशासन ने राहत की सांस ली।

तीन घंटे था दो ही घंटे किया बहिष्कार
कर्मचारियों ने तीन घंटे कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी थी लेकिन मरीजों की समस्या को देखते हुए उन्होंने दो घंटे कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया। इस दौरान अस्पताल का सर्वर भी डाउन हो गया था। उन्होंने एक हफ्ते में निर्णय न होने पर दी अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है। इस दौरान यूनियन अध्यक्ष भानू कैड़ा, नीरज हैड़िया, सुंदर चौहान, प्रताप बोरा, डूंगर मटियानी, मनीष तिवारी, शंभु बुधानी आदि रहे। कांग्रेसी हरीश पनेरू ने धरनास्थल पर कर्मचारियों को समर्थन दिया। उपनल कर्मियों को वेतन दिलाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है। पदों के सृजन पर भी शासन से निर्णय होना है। अस्पताल में व्यवस्था बनाने के लिए नियमित स्टाफ को जिम्मेदारी सौंपी गई है। – डॉ. अरुण जोशी प्राचार्य राजकीय मेडिकल कॉलेज, हल्द्वानी

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