हल्द्वानी। तीन महीने से वेतन का इंतजार कर रहे 659 उपनल कर्मियों ने मंगलवार को दूसरे दिन भी सुबह 10 से 12 बजे तक कार्य बहिष्कार जारी रखा। कर्मचारियों के हाथ खड़े करने से अस्पताल में दो घंटे तक स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गईं। इससे मरीजों के साथ तीमारदारों को भी परेशान होना पड़ा। एसटीएच परिसर में हुई धरना सभा में कर्मियों ने चेतावनी दी कि अगर शासन-प्रशासन हमारी मांग नहीं मानेगा तो वे अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर देंगे।कार्य बहिष्कार के दौरान सभी विभागों की ओपीडी में कर्मचारियों का टोटा हो गया जिससे मरीजों को बारी-बारी से बुलाने की व्यवस्था नहीं हो सकी। मेडिसिन विभाग में तो इंटर्न मरीजों को नंबर से भेजते दिखे। रिसेप्शन में दो स्थायी कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी गई। दो कर्मियों पर काम का दबाव आने से एक मरीज की पर्ची काटने में ही तीन से चार मिनट का समय लगा। वार्ड बॉय नहीं मिलने से तीमारदारों को अपने मरीज को ढोना पड़ा। डॉक्टर्स को ओटी में सहायक नहीं मिलने से सामान्य ऑपरेशन दोपहर 12 बजे बाद किए गए। बिलिंग काउंटरों में भी मरीजों को काफी देर तक इंतजार कर पसीना बहाना पड़ा।
बच्चों की फीस, घर का राशन तक लाना मुश्किल
धरने पर बैठे कर्मचारियों ने हमें हमारा हक दो आदि नारे लगाए। उपनल कर्मी पूरन चंद्र भट्ट ने आरोप लगाते हुए कहा कि समान कार्य-समान वेतन और एक वर्ष के भीतर नियमित करने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना की जा रही है। अध्यक्ष भानू कैड़ा ने कहा कि वेतन नहीं मिलने से कर्मचारियों की स्थिति अति दयनीय हो चुकी है। किराये नहीं देने से मकान स्वामी कमरा खाली कराने की धमकी दे रहे हैं। बच्चों की फीस, घर का राशन लाने के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है। नीरज हैड़िया ने कहा कि वे काम के बदले अपना हक मांग रहे हैं। आज तक पदों का सृजन नहीं किया गया और कर्मचारियों को कभी किसी मद से कभी किसी मद से वेतन बांटा जा रहा है। कार्य बहिष्कार के दौरान मीना गुप्ता, पूरन भट्ट, मोहन पंत, हरीश कबडवाल, पंकज जोशी, खीमराज साहू, डूंगर मटियाली, प्रताप बोरा समेत बड़ी संख्या में उपनल कर्मी मौजूद रहे।
इन विभागों में हैं कार्यरत आंदोलनरत कर्मचारी
फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स, तकनीशियन, हेल्थ इंस्पेक्टर, लिपिक, लाइब्रेरी असिस्टेंट, वर्कशाप वर्कर, अटेडेंट, पर्यावरण मित्र, वाहन चालक, फायर तकनीशियन, सुरक्षा गार्ड।