Monday, September 22, 2025
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कई जगह आपूर्ति बाधित मांग 6.1 करोड़ यूनिट से पार गर्मी में बिजली की मांग ने तोड़ा रिकॉर्ड

प्रदेश में भारी उमस, गर्मी के चलते बिजली की मांग ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बुधवार को बिजली की मांग 6.1 करोड़ यूनिट पार कर गई। ओवरलोड से जहां कई सब स्टेशनों पर आपूर्ति बाधित होने की समस्या रही तो मांग को देखते हुए यूपीसीएल ने काशीपुर स्थित गैस प्लांट भी शुरू कर दिया है।लगातार दूसरे साल प्रदेश में बिजली की मांग यूपीसीएल के पसीने छुड़ा रही है। पिछले साल 13 जून को 6.1, 14 व 15 जून को 6.2 करोड़ यूनिट तक उच्च मांग रिकॉर्ड की गई थी। इस साल मंगलवार को छह करोड़ यूनिट के करीब और बुधवार को 6.1 करोड़ यूनिट पार कर गई। 2024 से पहले के चार वर्षों में कभी जून माह में बिजली की मांग 5.5 करोड़ यूनिट से ऊपर नहीं गई।

वर्ष 2023 में 17 जून के उच्च स्तर 5.5 करोड़ यूनिट, 2022 में 14 जून को सर्वाधिक 5.4 करोड़ यूनिट, 2021 में 29 जून को 4.7 करोड़ यूनिट और 2020 में 18 जून को 4.1 करोड़ यूनिट की उच्च मांग दर्ज की गई थी।मंगलवार को भी भारी मांग के बीच सात सब स्टेशनों पर आपूर्ति बाधित हुई। 132 केवी बिंदाल में 21 मिनट, 132 केवी लालतप्पड़ में 22 मिनट, 132 केवी भूपतवाला में 21 मिनट, 132 केवी ज्वालापुर में 29 मिनट, 132 केवी पदार्था में 13 मिनट, 220 केवी ऋषिकेश व आईडीपीएल में 27 मिनट, 132 केवी रामनगर में दो घंटे 32 मिनट की आपूर्ति बाधित हुई। इससे गर्मी में बिजली न आने से लोग परेशान रहे। हालांकि यूपीसीएल प्रबंधन का दावा है कि फिलहाल कहीं भी घोषित कटौती नहीं की जा रही है।

आपूर्ति पूरी करने के लिए काशीपुर का गैस प्लांट चलाया
राज्य में बिजली की लगातार बढ़ रही आपूर्ति को पूरा करने के लिए यूपीसीएल ने काशीपुर स्थित 321 मेगावाट के गैस आधारित प्लांट चला दिए हैं। प्लांट के लिए यूपीसीएल पहले ही गैस खरीद चुका है। भारी जरूरत के समय इसका इस्तेमाल करने के लिए गैस रिजर्व में रखी गई थी। दूसरी ओर, बिजली की मांग पूरी करने के लिए बाजार से रोजाना करीब 40 लाख यूनिट बिजली खरीदी जा रही है।

यूजेवीएनएल का उत्पादन भी बढ़ा
उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड की 21 परियोजनाओं का उत्पादन भी गर्मियों में दो करोड़ यूनिट तक पहुंच गया है। अभी इसके और बढ़ने की उम्मीद है। गर्मियों में ग्लेशियर पिघलने और पिछले कुछ दिनों की बारिश की वजह से उत्पादन बेहतर हुआ है। इससे यूपीसीएल को भारी मांग में काफी राहत मिली है।

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