रुद्रपुर जिला प्रशासन ने सीलिंग और नजूल की जमीन पर हुए अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रशासन, नगर निगम, जिला विकास प्राधिकरण व पुलिस की संयुक्त टीम ने प्रीत विहार, फाजिलपुर महरौला और पहाड़गंज में 24 अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया।बुधवार सुबह 11 बजे एसडीएम किच्छा कौस्तुभ मिश्रा, उपनगर आयुक्त शिप्रा जोशी, सीओ बीएस धौनी और तहसीलदार दिनेश कुटौला की अगुवाई में टीम तीन जेसीबी मशीन के साथ प्रीत विहार पहुंची। टीम ने जेसीबी की मदद से प्रीत विहार और फाजिलपुर महरौला में सीलिंग की जमीन पर 12 जगहों पर बनी बुनियाद और उस पर हो रहे निर्माण को तोड़ दिया।
इस दौरान निर्माण सामग्री को भी हटाया गया। दो बजे तक चली कार्रवाई में टीम ने सिर्फ निर्माणाधीन भवनों का ही ध्वस्तीकरण किया।दोपहर साढ़े तीन बजे पहाड़गंज पहुंची टीम ने नजूल की जमीन पर हो रहे निर्माण को जेसीबी से तोड़ना शुरू कर दिया। एक बुनियाद तोड़ने पहुंची टीम के समक्ष महिला ने आक्रोश भी जताया। इस दौरान लोगों की भीड़ जमा हो गई लेकिन पुलिस फोर्स ने उनको कार्रवाई स्थल के पास फटकने तक नहीं दिया। पहाड़गंज में भी टीम ने 12 निर्माण ढहाए। इसमें तीन बड़े गोदामनुमा भवन भी शामिल था और इसमें कबाड़ भरा हुआ था। टीम ने बृहस्पतिवार को भी कार्रवाई की बात कहकर वापस लौट गई।
पुलिस छावनी बनाकर तोड़े अवैध निर्माण
दो दिन तक चिह्नीकरण की कार्रवाई के बाद प्रशासन पूरी तैयारी के साथ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने पहुंचा था। रुद्रपुर सहित सात थानों की फोर्स के साथ ही दो प्लाटून पीएसी भी बुलाई गई थी। जिस जगह पर अवैध निर्माण तोड़े जा रहे थे, उस क्षेत्र को पुलिस छावनी बना दिया जा रहा था। भारी पुलिस फोर्स देख लोग विरोध करने की हिम्मत भी नहीं जुटा सके।
एसडीएम साहब! मेरी बात सुनिए कहकर रो पड़ी महिला
पहाड़गंज में नजूल की भूमि पर अवैध रूप से बनी बुनियाद को तोड़ने के लिए टीम के साथ जेसीबी पहुंची थी। इस दौरान वहां एक महिला पहुंच गई। उसने चिल्लाते हुए कहा कि एसडीएम साहब! मेरी बात तो सुनिए। लेकिन पुलिस कर्मियों ने महिला को वहां से हटा दिया। महिला ने बताया कि सात साल कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद शौहर ने तलाक दिया था और तलाक में मिले खर्च से उसने साढ़े छह लाख रुपये में स्टांप पर जमीन खरीदी थी। पहले पति ने उसे प्रताड़ित किया और अब सरकार जुल्म ढा रही है। उन्होंने रुपये देकर जमीन खरीदी थी। कुछ देर तक महिला गुहार लगाती रही और फिर परिजनों के साथ वहां से चली गई।
स्टांप पर हो रहा है नजूल भूमि का सौदा
रुद्रपुर शहर में तमाम जगहों पर स्टांप पर जमीनों की बड़े पैमाने पर खरीद फरोख्त हो रही है। इस गोरखधंधे में लगे लोग मुनाफा खा गए और प्रशासन की कार्रवाई की मार स्टांप पर जमीन खरीदने वालों पर पड़ रही है। स्टांप पर जमीन बिकने और अवैध निर्माण होने तक प्रशासनिक मशीनरी सुस्त पड़ी रही। फाजिलपुर महरौला और प्रीत विहार में सीलिंग की जमीन पर न्यायालय ने यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। इसके बावजूद सीलिंग की जमीन गुपचुप ढंग से खरीदने के साथ ही निर्माण किए जाते हैं। इसके अलावा पहाड़गंज, रंपुरा, भूतबंगला, खेड़ा सहित कई जगहों पर स्टांप पर नजूल की जमीन की लंबे अरसे से खरीद फरोख्त हो रही है। सबसे अधिक नदी किनारे क्षेत्रों में जमीन की बिक्री के साथ ही बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हो चुके हैं। इसके अलावा ट्रांजिट कैंप में भी दानपात्र की जमीन धड़ल्ले से बेची-खरीदी जाती है।
जमीनों के धंधों में कई सफेदपोश भी शामिल रहते हैं। जिला प्रशासन की ओर से कार्रवाई का डंडा चला तो अवैध रूप से जमीन खरीदने वालों में खलबली मची हुई है। सस्ती जमीन के चक्कर में पूंजी लगाने वाले लोगों को छिनने का डर सता रहा है।प्रशासन को इनपुट है कि एक गिरोह स्टांप की जमीन की खरीद फरोख्त में सक्रिय है। गिरोह ने किन लोगों को सरकारी जमीनों पर बसाया और जमीनें बेची, इसकी विस्तृत जांच की जा रही है। पुलिस, जिला विकास प्राधिकरण, नगर निगम और राजस्व विभाग अपने स्तरों से जांच कर रहा है। कहीं सोची समझी रणनीति से बाहर से लोगों को लाकर बसावट तो नहीं की जा रही है, इसका भी परीक्षण कराया जा रहा है। पक्की जमीन खरीदकर रजिस्ट्री और दाखिल खारिज कराएं। – कौस्तुभ मिश्रा, एसडीएम, किच्छा।