उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में तहसील सदर के सामने जिलाधिकारी के ड्राइवर की बेटी कल्पिता शर्मा की गोली मारकर हुई हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। मुठभेड़ के बाद गिरफ्त में आए दो आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। अभी मुख्य आरोपी गुलशन फरार है। पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है। गिरफ्त में आए आरोपियों ने बताया कि डीएम के चालक राकेश शर्मा की बेटी कल्पिता शर्मा की मथुरा में ही हत्या करने की साजिश रची गई थी। लेकिन मौका न मिलने पर तहसील गेट पर हत्या की गई। गत 14 जून की शाम कल्पिता की तहसील गेट पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें कल्पिता की भाभी ज्योति, उसके दोस्त गुलशन, बुआ गायत्री, गायत्री के बेटे सूरजपाल और गुलशन के साथी नवीन को नामजद किया गया था। नवीन निवासी खैर अलीगढ़ को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। उससे पूछताछ और जांच में दो अन्य आरोपी अभिषेक निवासी छावा नगरिया और भारत निवासी नगला मियां मुरसान रोड सादाबाद के नाम सामने आए थे।
हत्याकांड में फरार चल रहे आरोपियों में से दो को पुलिस ने दयानतपुर नहर पुल से किंदौली गांव को जाने वाली पक्की पटरी से मुठभेड़ में गिरफ्तार करने का दावा किया है। एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि यह दोनों बाइक पर आ रहे थे, पुलिस ने इन्हें रोकने का प्रयास किया तो इन्होंने फायरिंग कर दी और भागने लगे। जवाबी फायरिंग में अभिषेक के पैर में गोली लगी है। बाद में पुलिस ने मौके से भागे भारत को भी काबिंग के दौरान गिरफ्तार कर लिया।पुलिस ने आरोपियों से की गई पूछताछ के हवाले से बताया कि मुख्य आरोपी गुलशन मूलरूप से छावा नगरिया का रहने वाला है और अभिषेक उसका दोस्त है। अभिषेक हलवाई का काम करता है और भारत उसके साथ तंदूर पर रोटी पकाने का काम करता है। पुलिस अनुसार आरोपियों ने बताया है कि मथुरा में कल्पिता की हत्या करने की साजिश रची गई थी। इसकी तैयारी भी कर ली गई थी। लेकिन मौका नहीं मिल पाया।
आरोपियों ने बताई पूरी कहानी
कल्पिता मथुरा के सरकारी अस्पताल में नर्स की प्रैक्टिस करती है। घटना वाले दिन वह ट्रेन से मथुरा से हाथरस आई, हत्यारोपी भी उसी ट्रेन से आए। स्टेशन से उतरने के बाद कल्पिता ई रिक्शा से अपने घर तहसील परिसर पहुंची, ई रिक्शा में आरोपियों को उसकी हत्या करने का मौका नहीं मिल पाया। इसके बाद ये तहसील गेट पर दो बाइकों से रेकी करते रहे। गुलशन ने कल्पिता की हत्या करने की ठान रखी थी, जिसकी वजह से तहसील के गेट पर दो बाइकों से रेकी करते रहे। उसके बाद कल्पिता की तहसील गेट पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। तैयारी यह भी थी कि यदि गुलशन गोली मारने से चूक जाए तो अभिषेक गोली चलाएगा।
हत्या के बाद राजघाट की एक धर्मशाला में रुके थे आरोपी
पुलिस ने बताया कि वारदात के बाद गुलशन, अभिषेक और भारत बाइक से अलीगढ़ पहुंचे और यहां गुलशन की रिश्तेदारी में कुछ देर के लिए रुके। यहां से बुलंदशहर राजघाट पहुंचे और रात में एक धर्मशाला में रुके। यहां गुलशन ने अभिषेक और भारत को पांच-पांच हजार रुपये दिए। बाद में एक नियत स्थान पर मिलने की बात कर तीनों अलग-अलग निकल गए। भारत को अभिषेक ने गुलशन से मिलवाया था और बताया था कि वह एक बाइक रेसर था। यह तेज बाइक चलाना जानता था। घटना के बाद तेजी से बाइक चलाकर भागने में मदद करेगा।
नवीन कर रहा था कल्पिता के आने-जाने की रेकी
कल्पिता हत्याकांड में आरोपियों के पकड़ने के साथ साथ कई पहलू सामने आ रहे हैं। पांच दिन पहले गिरफ्तार किए गए आरोपी नवीन ने ही कल्पिता शर्मा के आने-जाने की रेकी की थी। पुलिस को पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि मुख्य आरोपी गुलशन भारद्वाज व नवीन में गहरी दोस्ती थी। नवीन कुमार मथुरा में एक निजी लैब में कार्य करता था। नवीन का प्रतिदिन मथुरा में आना-जाना रहता था। कल्पिता भी मथुरा में सरकारी अस्पताल में बतौर नर्स काम रही थी। नवीन कुमार कई दिनों से ट्रेन में आने जाने के दौरान कल्पिता पर नजर रखे हुए था। अस्पताल तक उसकी पीछा करता था। उसके अस्पताल जाने, वहां से निकलने, ट्रेन से हाथरस और हाथरस से घर पहुंचने तक की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए था व इसकी जानकारी गुलशन को देता था। पूछताछ में आरोपियों ने यह भी बताया कि तहसील के गेट पर गोली मारने के बाद नवीन ई रिक्शा से रेलवे स्टेशन पहुंचा और रेलवे स्टेशन से ट्रेन में बैठकर मथुरा निकल गया था।
हत्या में दो बाइकों का किया गया था प्रयोग, एक का रंग बदला
घटना के दौरान यह बात सामने आई थी कि हत्यारोपी बुलेट बाइक पर सवार थे। लेकिन अब खुलासा हुआ है को हत्यारोपी चार लोग थे, अभिषेक और भारत अपाचे बाइक पर सवार थे। इन्होंने घटना में प्रयोग अपनी अपाचे बाइक की पहचान छुपाने के लिए बाइक का रंग ही बदल दिया था। घटना के बाद बाइक को अलीगढ़ ले जाकर सफेद रंग पर काले रंग से लेमिनेशन करा लिया था, जिससे बाइक की पहचान न हो सके।
गोली मारने के बाद गुलशन ने भारत के मोबाइल का किया था प्रयोग
कल्पिता को गोली मारने के बाद हतीसा पुल पर गुलशन, अभिषेक और भारत की आपस मुलाकात हुई। यहां से भारत ने अपना मोबाइल गुलशन को दिया था। इसके बाद भारत के मोबाइल से गुलशन सभी से संपर्क कर रहा था।
क्राइम पेट्रोल देखकर गुनाह से बचने की बनाई थी योजना
कल्पिता शर्मा की हत्या की योजना आरोपियों ने क्राइम पेट्रोल सीरियल देखकर बनाई थी। उन्होंने इस सीरियल के हिसाब से गुनाह से बचने का ताना-बाना भी बुना था। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि दो बाइकों पर चार हमलावर थे। पुलिस ने नवीन, अभिषेक और भारत को गिरफ्तार कर लिया है। अभी मुख्य आरोपी पकड़ से दूर है। जांच में यह भी सामने आया कि सीरियल की तरह हत्या करने के बाद खुद को बचाने के लिए नवीन ट्रेन से सीधे मथुरा जिले के कस्बा राया पहुंचा और यहां निजी लैब पर पहुंचकर अपनी बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज कराई, जिससे पुलिस की आंखों में धूल झोंकी जा सके।
ये है कल्पिता का मामला
14 जून की शाम कल्पिता की तहसील सदर के गेट पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें कल्पिता की भाभी ज्योति, उसके दोस्त गुलशन, ज्योति की बुआ गायत्री, गायत्री के बेटे सूरजपाल और गुलशन के साथी नवीन को नामजद किया गया था। कल्पिता के पिता ने आरोप लगाया था कि उसके बेटे की पत्नी ज्योति से आरोपी गुलशन के प्रेम संबंध थे, जिसका कल्पिता विरोध करती थी। इसी रंजिश में उसकी हत्या की गई।
मुख्य हत्यारोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई पुलिस
डीएम के चालक की बेटी कल्पिता शर्मा की हत्या के मुख्य आरोपी गुलशन भारद्वाज को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई है। इसके चलते कई सवालों के जवाब भी पुलिस को नहीं मिल पाए हैं।