उत्तराखंड हाईकोर्ट ने शनिवार को राज्य की जेलों में 140 पात्र दोषियों को रिहा न किए जाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने दो सप्ताह के भीतर एक सक्षम प्राधिकारी बोर्ड गठित करने का आदेश दिया, जो इन कैदियों की रिहाई पर विचार करेगा। अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के निरंतर प्रयासों के बावजूद रिहाई के पात्र कैदी 5-6 वर्षों से जेलों में कष्ट झेल रहे हैं। सुनवाई के दौरान पेश की गई एक रिपोर्ट में 140 कैदियों की सूची दी गई, जो सरकार की नीति के तहत शीघ्र रिहाई के हकदार हैं। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया कि सूची में पहले तीन कैदी 2019, 2020 और 2021 से रिहाई के पात्र हैं। इसे प्रशासनिक उदासीनता करार देते हुए, हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि पात्र कैदियों के मामलों की समीक्षा तुरंत शुरू की जाए और रिहाई प्रक्रिया को तेज किया जाए।
बोर्ड गठन का आदेश हाईकोर्ट ने जेलों में बंद 140 पात्र कैदियों की रिहाई में देरी पर जताई नाराजगी
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