महाराष्ट्र और एसटीएफ उत्तराखंड की संयुक्त कार्रवाई में पकड़े गए कामरान का ताल्लुक चर्चित रॉयल आर्म्स से है। कामरान ने गन हाउस के मालिक परीक्षित नेगी के साथ मिलकर अवैध हथियारों को बेचने के गुर सीखे थे। ये वह हथियार थे, जिन्हें लोग खराब होने पर गन हाउस में जमा करा देते हैं।गन हाउस को ये हथियार खत्म करने होते हैं, लेकिन परीक्षित ने कामरान के साथ मिलकर इन्हें ठीक कर दूसरी जगह बेचना शुरू कर दिया। इन हथियारों का शिकार में इस्तेमाल हुआ ये बात सच है, लेकिन यह भी सच है कि इन हथियारों को नक्सलियों को भी सप्लाई किया गया। महाराष्ट्र के जिस जिले से ये हथियार बरामद हुए हैं। वह नक्सल प्रभावित जिला है।
परीक्षित नेगी रॉयल आर्म्स नाम से गन हाउस चलता था। वह पहले पटेल रोड पर दुकान चलाता था। शुरुआत में वह स्थानीय लाइसेंसधारी लोगों को ही बंदूकें और कारतूस बेचा करता था। कुछ वर्षों से लाइसेंस लेकर बाहर भी कारतूस और बंदूक बेचना शुरू किया। इसके लिए वह सारे नियम-कायदे पूरे करता था। कई राज्यों में नियमानुसार कारतूस भेजे।अभी तक की जांच में अंतिम बार अमृतसर के एक दुकानदार को कारतूस बेचे थे। यह बात 13 अगस्त 2022 को दिल्ली में उसकी गिरफ्तारी के बाद सामने आई। यह मामला 2200 कारतूस की तस्करी से जुड़ा था।अब महाराष्ट्र पुलिस और उत्तराखंड एसटीएफ की जांच में यह सामने आया कि जिन हथियारों को लोग खराब होने की दशा में गन हाउस में जमा करा देते थे। उन्हें वह ठीक करने के बाद दूसरी जगह अवैध तरीके से बेच देता था। जबकि, नियमानुसार इन हथियारों को खत्म किया जाता है।