Sunday, September 21, 2025
Google search engine
Homeखास खबरफ्रांसीसी खुफिया रिपोर्ट में दावा राफेल लड़ाकू विमान को बदनाम करने के...

फ्रांसीसी खुफिया रिपोर्ट में दावा राफेल लड़ाकू विमान को बदनाम करने के लिए दुष्प्रचार कर रहा चीन

फ्रांस की सैन्य और खुफिया एजेंसियों ने अपनी एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि चीन अपने दूतावासों के जरिए फ्रांस के लड़ाकू विमान राफेल फाइटर जेट के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा है और फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों की क्षमता पर संदेह पैदा करने की कोशिश कर रहा है। खासकर भारत और पाकिस्तान के बीच मई में हुए संघर्ष के बाद इस दुष्प्रचार में तेजी आई है। चीन, राफेल लड़ाकू विमानों के मुकाबले अपने लड़ाकू विमानों को बेहतर बनाकर पेश कर रहा है।

भारत-पाकिस्तान संघर्ष को लेकर फैलाई जा रहीं फर्जी खबरें
रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन के दूतावासों में तैनात डिफेंस अताशे विभिन्न देशों को राफेल लड़ाकू जेट नहीं खरीदने पर जोर दे रहे हैं। खासकर इंडोनेशिया को मनाने की कोशिश हो रही है, जो राफेल जेट खरीदने पर विचार कर रहा है। इतना ही नहीं चीन अपने लड़ाकू विमानों का प्रचार कर रहा है और विभिन्न देशों पर उन्हें खरीदने के लिए जोर डाल रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद मई में भारत और पाकिस्तान के बीच भीषण संघर्ष हुआ था, जिसमें मिसाइलों और लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया गया। सैन्य विशेषज्ञ अब इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि पाकिस्तान के चीन में निर्मित हथियारों खासकर लड़ाकू विमानों ने भारत के फ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू विमानों के खिलाफ कैसा प्रदर्शन किया। पाकिस्तान का दावा है कि उसने भारत के पांच लड़ाकू विमान गिराए, जिनमें तीन राफेल जेट भी शामिल हैं। हालांकि फ्रांस के वायुसेना प्रमुख जनरल जेरोम बेलेंजर ने कहा कि भारत ने संभवतः तीन लड़ाकू विमान खोए, जिनमें एक राफेल, एक सुखोई और एक मिराज 2000 शामिल है।

फ्रांस के रक्षा निर्यात में राफेल अहम
फ्रांस ने अभी तक जितने भी देशों को राफेल लड़ाकू जेट बेचे हैं, उनमें पहली बार राफेल के निशाना बनने की बात सामने आई है। बेलेंजर ने कहा कि लड़ाकू विमान अगर गिरा है, तो इस बारे में उस देश से सवाल पूछा जाना चाहिए। फ्रांस के हथियार निर्यात में बड़ा हिस्सा राफेल और उससे जुड़े उपकरण हैं। यह फ्रांस का विभिन्न देशों से संबंध बेहतर करने का भी प्रमुख जरिया है। खासकर एशिया में, जहां चीन अपना दबदबा बढ़ा रहा है। हालांकि इन दिनों फ्रांस को चीन के दुष्प्रचार से जूझना पड़ रहा है। जिसमें पाकिस्तान और चीन दोनों शामिल हैं।

सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर चल रहा दुष्प्रचार
इसके तहत सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल की जा रही हैं, जिनमें फर्जी तस्वीरों के जरिए राफेल के मलबे को दिखाया जा रहा है। साथ ही एआई जेनरेट कंटेंट और वीडियो गेम की क्लिप दिखाकर राफेल को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के बाद एक हजार से ज्यादा सोशल मीडिया अकाउंट बनाए गए, जो चीन की सैन्य तकनीक को बेहतर बताने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि अभी ये पता नहीं चला है कि सोशल मीडिया पर इस दुष्प्रचार में चीन की सरकार शामिल है या नहीं।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine






Most Popular

Recent Comments