हरिद्वार। मुजफ्फरनगर में यूपी एसटीएफ से मुठभेड़ में मारे गए कुख्यात जीवा और मुख्तार अंसारी गैंग का शॉर्प शूटर शाहरुख उर्फ पठान ने 2017 में अपने साथी के साथ मिलकर कंबल कारोबारी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड की गूंज पूरे प्रदेश में सुनाई दी थी। खुलासा हुआ था कि प्राॅपर्टी के विवाद में जीवा के शूटरों ने गलतफहमी में कारोबारी को मार दिया था। मामले में जीवा, शाहरुख सहित चार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। हरिद्वार के बाद शूटर शाहरुख देहरादून जेल शिफ्ट किया गया था।नगर कोतवाली क्षेत्र की बिल्केश्वर कॉलोनी निवासी कंबल कारोबारी अमित दीक्षित उर्फ गोल्डी की छह मार्च 2017 को गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड के बाद शहर से लेकर पूरे राज्य में खूब हल्ला मचा था। एसटीएफ और हरिद्वार पुलिस ने कुछ दिन बाद हत्याकांड का राजफाश कर दिया था। सामने आया था कि कुख्यात संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा के इशारे पर शूटर शाहरुख उर्फ पठान और एक अन्य ने अंजाम दिया था।
उस वक्त शूटर कनखल में हाईवे के पास बहुमूल्य भूमि के विवाद में प्रॉपर्टी डीलर सुभाष सैनी की हत्या करने आए थे। मगर निर्मला छावनी में कंबल कारोबारी अमित दीक्षित की गलती से हत्या कर दी थी। क्योंकि सुभाष भी निर्मला छावनी में एक परिचित के घर पर मौजूद थे और अमित का हुलिया उनसे मिलता-जुलता था।हत्याकांड में अदालत ने जीवा और शूटर शाहरुख व मुजाहिद, और विक्की को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। शॉर्प शूटर शाहरुख ने जेल में रहते बंदीरक्षक की भी पिटाई कर दी थी। बाद में उसे देहरादून जेल शिफ्ट किया था। पिछले कुछ माह पहले ही वह जमानत पर छूटा था। रविवार की देर रात एसटीएफ मेरठ से मुठभेड़ में मुजफ्फरनगर के थाना छपार के बिजोपुरा चौराहे के पास शूटर शाहरुख पठान ढेर हो गया।