काठगोदाम से नैनीताल के बीच रोपवे का निर्माण अब डिजाइन बिल्ड फाइनेंस ऑपरेटर ट्रांसफर (डीबीएफओटी) मॉडल पर होगा। पर्यटन विभाग नए सिरे से टेंडर की तैयारी कर रहा है। पहले नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लि. (एनएचएमएल) को रोपवे का निर्माण करना था। पहले चरण के टेंडर में किसी संस्था ने रुचि नहीं दिखाई है।काठगोदाम से हनुमानगढ़ी के बीच 14.90 किमी रोपवे के निर्माण की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है। पहले नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लि. (एनएचएमएल) को रोपवे का निर्माण करना था। इसी संस्था ने इसकी डीपीआर भी तैयार की थी। कुछ माह पहले इसके निर्माण के लिए पर्यटन विभाग ने टेंडर जारी किया था। हालांकि टेंडर प्रक्रिया में किसी कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई। इसके बाद पर्यटन विभाग ने अब डीबीएफओटी मॉडल पर इसका निर्माण कराने का निर्णय लिया है।
डीबीएफओटी मॉडल के बारे में जानिए
यह सार्वजनिक-निजी भागीदारी का मॉडल है। इस विशेष मॉडल में, निजी भागीदार परियोजना के डिजाइन, निर्माण, वित्त और समझौते की अवधि के लिए परियोजना के संचालन के लिए जिम्मेदार होता है।
निजी भागीदार, दी गई रियायतों या वार्षिकी भुगतान आदि के माध्यम से अपने निवेश की वसूली करता है।
इस मॉडल के अंतर्गत, सार्वजनिक क्षेत्र वित्त पोषण एजेंसियों को गारंटी प्रदान करता है, भूमि के अधिग्रहण में मदद करता है।
सरकार इस विशेष मॉडल में गारंटर की भूमिका में होती है। अंत में, परियोजना को सार्वजनिक क्षेत्र को स्थानांतरित कर दिया जाता है।
टेंडर लेने वाली कंपनी 25 वर्ष तक करेगी संचालन
अब टेंडर लेने वाली कंपनी रोपवे निर्माण के बाद इसका संचालन 25 वर्ष तक करेगी। 25 वर्ष के बाद यह परियोजना शासन को हस्तांतरित हो जाएगी। अनुबंध की शर्तों के अनुसार शासन कंपनी को आगे भी संचालन का जिम्मा दे सकता है। हालांकि अनुबंध बढ़ाने का निर्णय शासन के अधीन होगा।
अब तक क्या हुआ
निर्माण के लिए सर्वे पूरा हो गया
जियोलॉजिकल सर्वे पूरा हुआ
डिजाइन एप्रूवल हो गया
फाॅरेस्ट क्लीयरेंस के लिए फाइल भेजी गई
पर्यावरणीय सर्वे पूरा हुआ
क्षतिपूरक वनीकरण के लिए भूमि चिह्नित हुई
क्या है खास
छह स्टेशन बनेंगे
भुजियाघाट से नर्सरी सेक्शन की दूरी सबसे अधिक 3.40 किमी होगी
यात्रा में करीब 45 मिनट का समय खर्च होगा
78 टावर लगाए जाएंगे
रोपवे की ऊंचाई 1378 मीटर तक होगी
रोपवे के निर्माण और संचालन के लिए नए सिरे से टेंडर की तैयार चल रही है। अब निजी संस्था के माध्यम से डीबीएफओटी मॉडल पर इसका संचालन होगा। – अतुल भंडारी, जिला पर्यटन अधिकारी