सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों के वकीलों को तलब करने के मामले का स्वत: संज्ञान लिया है। शीर्ष अदालत इस मामले में सोमवार को सुनवाई करेगा। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई, न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ करेगी।
ईडी ने दो वकीलों को किया था तलब
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)ने हाल ही में वरिष्ठ वकील अरविंद दातार और प्रताप वेणुगोपाल को तलब किया था। इसे लेकर ईडी ने कहा कि उसने अपने जांच अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने मुवक्किलों के खिलाफ चल रही जांच में किसी भी वकील को समन जारी न करें। मनी लॉड्रिंग मामलों की जांच कर रही ईडी ने एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए), 2023 की धारा 132 का उल्लंघन करते हुए किसी भी वकील को कोई समन जारी नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा यदि समन को जारी करने की आवश्यकता है, तो इसे केवल ईडी के निदेशक की पूर्व स्वीकृति के बाद ही जारी किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट एसोसिएशन ने की थी निंदा
अधिवक्ताओं को समन जारी किए जाने की सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स-ऑन-रिकॉर्ड एसोसिएशन ने निंदा की थी। साथ ही इसे परेशान करने वाली प्रवृत्ति बताया था। बार निकायों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश से मामले का स्वतः संज्ञान लेने का आग्रह किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने जताई थी नाराजगी
25 जून को गुजरात के एक वकील की याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा था कि पुलिस या जांच एजेंसियों को मुवक्किलों को सलाह देने के लिए वकीलों को सीधे बुलाने की अनुमति देना कानूनी पेशे की स्वायत्तता को गंभीर रूप से कमजोर करेगा। यह न्याय प्रशासन की स्वतंत्रता के लिए प्रत्यक्ष खतरा है। न्यायालय ने कहा था कि कानूनी पेशा न्याय प्रशासन की प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग है।