एक तरफ नगरपालिका बजट का रोना रो रही है और दूसरी तरफ केंद्र सरकार से अनुदान के रूप में पार्किंग निर्माण के लिए मिली धनराशि का उपयोग नहीं हो पाया। अशोक सिनेमा की जमीन पर पार्किंग के निर्माण पर पालिका की आपत्ति के बाद यहां हाईकोर्ट ने कांप्लेक्स बनाने का नया प्रस्ताव मांग लिया। कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन भी धनराशि केंद्र सरकार को लौटाने की तैयारी कर रहा है।केंद्र सरकार विशेष सहायता योजना के तहत आधारभूत ढांचे के विकास के लिए बजट देती है। यह एक तरह का अनुदान होता है जिसमें 90 फीसदी धनराशि केंद्र और 10 फीसदी राज्य सरकार को आधारभूत ढांचे के विकास पर खर्च करनी होती है। नगर में पार्किंग की समस्या को देखते हुए प्रशासन ने पालिका के स्वामित्व वाले अशोक सिनेमा की भूमि पर पार्किंग निर्माण का प्रस्ताव दिया था। 5.27 करोड़ रुपये पार्किंग निर्माण पर खर्च का अनुमान था। यहां पर निर्माण कार्य शुरू भी हो गया था। हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशासन ने पार्किंग निर्माण का प्रस्ताव संशोधित कर उसे दो मंजिला बनाने और उसके ऊपर एक कैफेटेरिया भी प्रस्तावित कर दिया था। इसी बीच हाईकोर्ट में नगर पालिका की ओर से पार्किंग निर्माण पर आपत्ति जताई गई।
हाईकोर्ट ने इस पर नगर पालिका से 80 से 100 करोड़ की लागत से कांप्लेक्स बनाने का प्रस्ताव देने के आदेश दे दिए। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि नगर पालिका पर्यटन विभाग और राज्य सरकार से समन्वय कर इसके निर्माण की रूपरेखा तय करे। अब नगर पालिका इस पर नए सिरे से प्रस्ताव बनाने में जुटी है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद कार्यदायी संस्था ने पार्किंग प्रोजेक्ट निरस्त कर धनराशि वापस करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिला विकास प्राधिकरण के सचिव विजयनाथ शुक्ल ने बताया कि कोर्ट का आदेश नहीं मिला है। आदेश मिलते ही धनराशि लौटाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।डीएम वंदना ने बताया कि न्यायालय ने पालिका को व्यावसायिक भवन का नया प्रस्ताव देने के निर्देश दिए हैं। भविष्य में प्रस्ताव प्राप्त होता है तो उसके अनुसार धनराशि की उपलब्धता को देखते हुए निर्णय लिया जाएगा।
पालिका को वापस करनी थी केवल लागत राशि
अशोक मैदान में पार्किंग निर्माण के लिए फंडिंग एजेंसी जिला विकास प्राधिकरण था। पार्किंग निर्माण में आने वाली लागत नगर पालिका को लौटानी थी। तय फार्मूले के अनुसार पार्किंग निर्माण के बाद नगर पालिका को 60 फ़ीसदी और जिला विकास प्राधिकरण को 40 फीसदी धनराशि दी जानी थी। प्राधिकरण को पूरा हिस्सा मिलने के बाद इस प्रोजेक्ट पर पालिका का ही स्वामित्व हो जाता।अशोक पार्किंग को लेकर पालिका गंभीर है। हाईकोर्ट के आदेश व संबंधित दिशानिर्देशों के क्रम में पालिका की ओर से प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। जनहित में इसे शीघ्र सुचारु करने के प्रयास किए जाएंगे। – डॉ.सरस्वती खेतवाल पालिकाध्यक्ष, नैनीताल