Sunday, September 21, 2025
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कोई बीनता था कूड़ा तो कोई था मजदूर दिल्ली में सात बेगुनाहों की मौत 100 फीट लंबी दीवार में नहीं था एक भी कॉलम

दक्षिण-पूर्व दिल्ली के जैतपुर स्थित हरिनगर पार्ट-2 में शनिवार सुबह बारिश के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। यहां एक समाधि स्थल की ऊंची दीवार खाली प्लाट में बनी झुग्गियों पर भरभराकर गिर गई। दीवार गिरते ही मौके पर अफरा-तफरी मच गई। शोर-शराबे के बीच पड़ोसी मदद को भागे। बाद में पुलिस व दमकल विभाग को सूचना दी गई। स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस ने मलबे में दबे आठ लोगों को तुरंत एम्स ट्रामा सेंटर के अलावा सफदरजंग अस्पताल भेजा। जहां दो मासूम बच्चियों समेत सात लोगों को मृत घोषित कर दिया गया। एक अन्य युवक की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। हादसे की खबर मिलते ही दिल्ली पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए।

समाधि स्थल को मिट्टी का भराव करके बनाया गया था
पुलिस के अलावा दमकल की आठ गाड़ियां, एनडीआरएफ, नगर निगम, एंबुलेंस और अन्य बचाव दल ने काम शुरू कर दिया। दोपहर बाद तक बचाव का काम चला। शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने लापरवाही से मौत और लापरवाही बरतकर चोट पहुंचाने का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस बाकी लोगों के बयान लेकर मामले की जांच कर रही है। छानबीन के दौरान पुलिस को पता चला है कि समाधि स्थल को मिट्टी का भराव करके बनाया गया था। खाली प्लाट में बनी झुग्गियां काफी गहराई में थीं। बारिश की वजह से दीवार की बुनियाद में पानी गया। बिना पिलर के बनी ऊंची दीवार अचानक भरभराकर जमींदोज हो गई। क्राइम टीम व एफएसएल की टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं।

जेसीबी की मदद से मलबा हटाया गया
दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस उपायुक्त डॉ. हेमंत तिवारी ने बताया कि उनकी टीम को शनिवार सुबह करीब 9.13 मिनट पर सूचना मिली थी कि जैतपुर स्थित मोहन बाबा मंदिर, हरिनगर पार्ट-2 में एक दीवार गिर गई है। घटना से थाना नजदीक ही थी। चंद ही मिनटों में कई पुलिस के जवान मौके पर पहुंच गए और लोगों के साथ मिलकर बचाव कार्य शुरू कर दिया। बाद में सूचना मिलने के बाद एनडीआरएफ, नगर निगम व अन्य टीम वहां पहुंची। जेसीबी की मदद से मलबा हटाया गया। छानबीन के दौरान पता चला है कि गांव के पूर्व प्रधान और उनकी पत्नी की यहां समाधि बनी हुई है। समाधि बनाने के लिए उसके मालिकों ने कई फीट उसका भराव किया हुआ है।

दीवार से लगकर झुग्गियां बनी हुई थीं
ऐसे में समाधि स्थल की दीवार खाली प्लाट में 10 फीट हो गई थी। इसी दीवार से लगकर झुग्गियां बनी हुई थीं। यहां पश्चिम बंगाल और असम के लोग रहते हैं। बारिश के दौरान करीब 90 फीट लंबी दीवार छह झुग्गियों पर गिर गई। हादसे के समय चार झुग्गियों में ही यह सभी लोग मौजूद थे, जो मलबे के नीचे दब गए। मरने वालों में एक ही परिवार के चार लोग भी शामिल हैं। सभी कूड़ा बीनने के अलावा मजदूरी करते थे।

मृतकों की लिस्ट
रुकसाना (7)(पुत्री-रबीबुल)
रबीबुल (27)
हसीना (7)(पुत्री-हसीबुल)
रुबीना (25) (पत्नी-हसीबुल)
शफीकुल (28)
डॉली (26) (पत्नी-शफीकुल)
मुत्तू अली (50)

घायल
हसीबुल (26)
(मृतकों और घायलों में रुकसाना, हसीना, रबीबुल, रुबीना और हसीबुल एक ही परिवार के हैं जबकि डॉली और शफीकुल पति-पत्नी हैं)

100 फीट लंबी दीवार में नहीं था एक भी कॉलम
समाधि स्थल की जो दीवार झुग्गियों पर गिरी वह 14 इंच चौड़ी थी। सूत्रों का कहना है कि दीवार में एक भी कॉलम नहीं बना हुआ था। लगभग 100 फीट लंबी दीवार यूं ही खड़ी थी। इसके अलावा समाधि स्थल के अंदर की ओर से भराव हुआ था। बारिश हुई तो अंदर पानी भरा और दीवार प्लॉट की ओर झुक गई। लगातार 12 घंटे से अधिक देर तक हुई बारिश के दौरान दीवार बाहर झुग्गियों की ओर गिर गई। पुलिस ने लापरवाही से मौत और लापरवाही बरतकर चोट पहुंचाने का मामला दर्ज कर लिया है। हादसे की वजहों का पता किया जा रहा है। क्राइम टीम के अलावा एफएसएल की टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं।

पति-पत्नी की है समाधि
पुलिस के मुताबिक, जैतपुर के हरिनगर पार्ट-2 में मोहन बाबा मंदिर के पास चौधरी हरीचंद्र प्रधानजी और इनकी पत्नी रामवती देवी का समाधि स्थल बना हुआ है। अंदर की ओर से इसकी दीवार पांच फीट जबकि बाहर की ओर दीवार 10 फीट की थी। यह ही दीवार गिरी और हादसा हुआ।

कॉलम न होने की वजह से गिरी दीवार
स्थानीय लोगों का कहना था कि कॉलम न होने की वजह से दीवार गिरी तो कुछ लोग बारिश को हादसे का कारण बता रहे हैं। पुलिस हादसे की असली वजहों का पता लगाने का प्रयास कर रही है। पुलिस ने समाधि स्थल की भी पड़ताल की है। उसके मालिकों से बातचीत की जा रही है। बाकी लोगों को बयान दर्ज किए जा रहे हैं।

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