दून अस्पताल की मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अंकुर पांडेय ने बताया कि ओपीडी में आने वाले मरीजों के लक्षण जब डेंगू और चिकनगुनिया से मिलते जुलते हैं तो इन मरीजों की जांच की जाती है। इसके अलावा अस्पताल में जो मरीज भर्ती होते हैं उनकी भी जांच की रही है। भर्ती मरीजों में अबतक चार मरीज चिकनगुनिया पॉजिटिव हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग इन मरीजों का रिकॉर्ड नहीं दर्ज कर रहा है। शहर में डेंगू से अधिक चिकनगुनिया का खतरा मंडरा रहा है। दिन पर दिन चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। दून अस्पताल में चिकनगुनिया के दो नए मरीज मिले हैं। इन दोनों मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा है। इसके साथ ही अबतक अस्पताल में चिकनगुनिया के कुल आठ मरीज मिल चुके हैं। इनमें चार मरीज ओपीडी में और चार आईपीडी में मिले हैं।
पॉजिटिव नहीं मान रहा विभाग
जिला मलेरिया अधिकारी सुभाष जोशी ने बताया कि अबतक डेंगू और मलेरिया का भी कोई मरीज नहीं आया है। चिकनगुनिया के मरीज आ रहे हैं लेकिन हम उन्हें पॉजिटिव नहीं मान रहे हैं, क्योंकि ये सभी मरीज पिछले साल भी पॉजिटिव आए होंगे। इसीलिए इस बार भी पॉजिटिव आ रहे हैं। मरीज के शरीर में इसका वायरस एक साल तक रहता है। जांच होती है तो पॉजिटिव आ रहे हैं लेकिन हम इनका रिकॉर्ड दर्ज नहीं कर रहे हैं। जब अधिकारी से जांच या केवल मरीज की हिस्ट्री तलाशने पर सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि इसके लिए हम वार्ड में पूछताछ करवा लेते हैं तो पता चलता है कि यहां कोई अन्य मरीज पॉजिटिव नहीं है। इससे हमें समझ आ जाता है कि यह मरीज पुराना है। कहा कि जब मरीज तेजी से बढ़ेंगे तब स्वास्थ्य विभाग रिकॉर्ड दर्ज करेगा।
इन बातों का रखें ध्यान
घर के आसपास जलभराव न होने दें।
बुखार आने या प्लेटलेट्स कम होने पर ब्लडप्रेशर की जांच भी करवाएं।
मच्छर से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें।
घर से बाहर निकलने पर पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।
लक्षण
तेज बुखार
ठंड लगना
सिर दर्द
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
उल्टी लगना या जी मिचलाना
पेट दर्द होना
शरीर पर चकत्ते पड़ना
नाक से खून आना