पहाड़ में लोगों की सुबह की शुरुआत जिस चाय से होती है, उससे घोड़ाखाल स्थित बागान के दिन बहुर गए हैं। ‘उत्तराखंड चाय’ का उत्पादन करने वाले घोड़ाखाल चाय बागान की सालाना आय 90 लाख रुपये पहुंच गई है। अब घोड़ाखाल चाय बागान की फैक्टरी का विस्तार करने की योजना है। चाय का उत्पादन बढ़ाने के लिए घोड़ाखाल, धारी और बेतालघाट में 10 हेक्टेयर में चाय के पौध लगाने का लक्ष्य है। प्रदेश में नैनीताल जिले के घोड़ाखाल स्थित खूबसरत चाय बागान में पर्यटक भी पहुंचते हैं। चाय बागान में उत्तराखंड चाय (जैविक चाय) का उत्पादन भी किया जाता है।
वर्तमान बागान में 12 हजार किलो चाय का उत्पादन और 50 हजार किलो हरी पत्ती तैयार हो रही हैं। प्रतिवर्ष तीन से चार प्रतिशत उत्पादन बढ़ता जा रहा है। इससे घोड़ाखाल स्थित चाय बागान की सालाना आय 90 लाख रुपये पहुंच गई है। इसमें उत्तराखंड चाय की ब्रिकी से 40 लाख और बागान में घूमने आने वाले सैलानियों के टिकट से 50 लाख शामिल है। चाय बागान से अब 90 लाख रपये की सालाना आय पहुंच गई है। इसके चलते बागान में फैक्टरी का विस्तार किया जा सकता है। दस हेक्टेयर में चाय की पौध लगाई जा सकती है। चाय बागान का उत्पादन बढ़ने से स्थानीय लोगों का रोजगार भी बढ़ेगा। – नवीन चंद्र पांडे, प्रबंधक, चाय बागान घोड़ाखाल