नैनीताल। मल्लीताल क्षेत्र में रिटायर्ड कुलपति को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने उनके खाते 1.47 करोड़ रुपये उड़ा लिए। बुजुर्ग होने के कारण महिला ने बैंककर्मियों को घर बुलाकर अपने तीन खातों से ठगों के पांच खातों में यह रकम ट्रांसफर करवाई। एक बैंक कर्मी को शक होने के बाद महिला को ठगी का अहसास हुआ। सोमवार को कोतवाली पहुंचकर महिला ने पुलिस से गुहार लगाई तो उन्होंने ऑनलाइन शिकायत भेजने के साथ ही महिला को साइबर थाने भेज दिया। मामले में अज्ञात पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।पुलिस के अनुसार मल्लीताल निवासी बीना साह रुहेलखंड विश्वविद्यालय से कुलपति पद से सेवानिवृत हैं। वह मल्लीताल गार्डन हाउस क्षेत्र में अकेले रहती हैं। 14 अगस्त को बीना को एक अज्ञात नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने व्यक्ति ने अपना परिचय आरबीआई के बड़े अधिकारी के रूप में दिया। व्यक्ति ने महिला के बैंक खाते में हवाला का सात से आठ करोड़ रुपये अवैध रूप से आने की बात कही। इस दौरान उसने महाराष्ट्र पुलिस अधिकारी को वीडियो कॉल पर लेते हुए महिला को डिजिटल अरेस्ट करने की बात कही। यह सुनकर महिला के होश उड़ गए। बैंक अधिकारी ने महिला को खाता संख्या देकर पैसा ट्रांसफर करने को कहा। यह भी कहा कि जांच में हवाला से रकम आने की शिकायत की पुष्टि नहीं हुई तो जांच के बाद पैसा वापस कर दिया जाएगा। जांच होने तक महिला को डिजिटल अरेस्ट रखने की बात कही। यह बात किसी भी व्यक्ति और क्षेत्रीय पुलिस को भी बताने से मना कर दिया।
पैसा ट्रांसफर करने में बैंककर्मियों से मांगी मदद
साइबर ठगों के धमकाने से महिला घबरा गई। इस पर महिला ने खातों में रकम भेजने के लिए बैंककर्मियों की मदद ली। 1.47 करोड़ रुपये भेजने के बाद भी सिलसिला जारी रहा तो रकम ट्रांसफर कर रहे बैंककर्मियों को शक हुआ। बैंक कर्मियों ने महिला के रिश्तेदारों को यह बात बताई। पूर्व बैंक कर्मी रिश्तेदार ने महिला से बैंक स्तर से ऐसी किसी जांच का प्रावधान नहीं होने की बात कही तो बीना साह को ठगी का अहसास हुआ। इस पर महिला रिश्तेदारों के साथ तत्काल शिकायत लेकर कोतवाली पहुंची। महिला ने शिकायती पत्र देते हुए कार्रवाई की मांग की है। शिकायत मिलते ही एसआई दीपक कार्की ने तुरंत मामले की शिकायत 1930 पर कर बैंक खाते को होल्ड करवा दिया। एक करोड़ से अधिक का मामला होने के कारण महिला को साइबर थाने भेजा गया है। साइबर थाना प्रभारी अरुण कुमार ने बताया कि मामले में पीड़िता से जरूरी दस्तावेज और जानकारी ले ली है। एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।मामले को साइबर को भेज दिया गया है। जल्द ही महिला से मिलकर मामले में और पूछताछ की जाएगी ताकि मामले की जांच करने में सहायता मिल सके। डॉ. जगदीश चंद्र एसपी यातायात और अपराध नैनीताल
सावधानी और जागरूकता ही ठगी से बचाव संभव
एसपी अपराध व यातायात डॉ. जगदीश चंद्र ने बताया कि इन दिनों कोई भी व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार हो सकता है। आए दिन मामले सामने आ रहे हैं। साइबर ठगी से बचने के लिए लोगों का जागरूक होना जरूरी है। जागरूकता की कमी के कारण ही लोग साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। प्रतिदिन अखबारों व न्यूज चैनलों में साइबर ठगी के मामले व उनसे बचने के उपाय बताए जाते हैं। किसी भी परिस्थिति में किसी अंजान व्यक्ति को कॉल या वीडियो कॉल में खाते से जुड़ी कोई जानकारी न दें। ठग की ओर से कॉल आने पर डायल 112 या टोल फ्री नंबर 1030 पर कॉल कर पुलिस को जानकारी दें। ऐसे मामलों में अपने परिवार के सदस्यों को जानकारी देनी चाहिए। सावधानी और जागरूकता ही साइबर ठगों से लोगों को बचा सकती है।