हल्द्वानी शहर के टांडा जंगल में एक दिन पहले भीषण सड़क हादसे में बनभूलपुरा के कारोबारी समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी। हादसे का कारण ओवरस्पीड रहा। दुर्घटना के बाद भी जिम्मेदारों की नींद नहीं टूटी है। सड़क पर वाहन नियमों को रौंद रहे हैं। 60 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली जगह पर 80-100 किमी की रफ्तार से वाहन फर्राटा भर रहे हैं। हैरानी ये है कि इस सड़क पर केवल इन्सान ही नहीं, हाथी, तेंदुए और बाघ भी अपनी जान गंवा चुके हैं। हल्द्वानी के देवलचौड़ से रुद्रपुर के मदकोटा तक हाईवे चौड़ीकरण का काम छह महीने पहले पूरा हो चुका है। ब्रिडकुल ने इस सड़क का निर्माण कार्य कराया। साथ ही बेलबाबा से दो किलो मीटर नीचे सड़क किनारे साइन बोर्ड लगाकर संकेत दिए है कि वाहनों की स्पीड 60 किमी/घंटा रखी जाए लेकिन वाहनों की गति पर नियंत्रण रखने वाला कोई नहीं है। वाहन सड़क पर बेकाबू होकर दौड़ रहे हैं।
सोमवार रात इसी जगह पर स्कार्पियो ने अल्टो कार सवार लोगों को रौंद दिया था। स्कार्पियो की रफ्तार इतनी थी कि चालक वाहन पर नियंत्रण खो बैठा। बुधवार को अमर उजाला ने मौके पर जाकर पड़ताल की तो यहां वाहन 80-100 की गति से दौड़ते दिखे।लोगों का कहना है कि खानापूर्ति के लिए यातायात पुलिस की इंटरसेप्टर आती है और एक घंटे की चालानी कार्रवाई कर लौट आती है। जिस जगह पर हादसे हो रहे हैं, वहां पर वन्यजीवों की आवाजाही रहती है। अक्टूबर 2024 में बेलबाबा के पास बस ने मादा हथिनी को टक्कर मार दी थी। कुछ दिन उपचार के बाद उसने दम तोड़ दिया था। इसी रोड पर तेंदुए की भी मौत हो चुकी है।
रामपुर हाईवे पर हुए बड़े हादसे
31 जनवरी- राजस्थान के कोटा थाना क्षेत्र के गंगा सागर मार्ग निवासी अधिवक्ता जयंत की रामपुर हाईवे पर बेलबाबा के पास हादसे में जान गई।
2 फरवरी- रामपुर रोड पर एक कार एजेंसी के पास बाइक की टक्कर से स्कूटी सवार सपना रस्तोगी की जान गई।
23 मार्च- रामपुर हाईवे पर बेलबाबा के पास कार की टक्कर में युसूफ की पत्नी काशिफा की जान चली गई।
27 अप्रैल- रामपुर रोड पर बिहारी पेट्रोल पंप के सामने बस की टक्कर में स्कूटी सवार देवलचौड़ निवासी भावना की जान गई।
25 अप्रैल- अब टांडा जंगल में बनभूलपुरा निवासी साजिद, शाहजहां व अफसरी की कार की टक्कर से जान चली गई।
टू लेन में डिवाइडर नहीं बनने की बात कर रहा ब्रिडकुल
ब्रिडकुल के अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने से नहीं चूक रहे। उनका कहना है कि बेलबाबा से टांडा रेलवे फाटक तक सड़क टू लेन है, वहां पर डिवाइडर नहीं लगाए जा सकते हैं। इससे साफ है कि इन्सान और जानवर भले ही मरते रहे लेकिन ब्रिडकुल को कोई फर्क नहीं पड़ता।वन्यजीव क्षेत्र होने के कारण जगह-जगह पर रंबल स्ट्रिप लगाए गए हैं। बेलबाबा से रुद्रपुर तक स्पीड नियंत्रण के लिए साइन बोर्ड लगाए हैं। जहां फोन लेन है, वहां पर डिवाइडर लगा दिए हैं। – आकाश दीप भट्ट, प्रोजेक्ट मैनेजर, ब्रिडकुल
रुद्रपुर मार्ग काफी पहले का बना हुआ है। फ्लाईओवर जैसी चीजें मार्ग निर्माण के दौरान ही बनती है। इस रोड पर अभी तक कोई ऐसा प्रस्ताव नहीं बना है। – यूसी तिवारी, डीएफओ तराई केंद्रीय वन प्रभाग।
पुलिस लगातार रामपुर रोड व टांडा जंगल क्षेत्र में चेकिंग कर ओवरस्पीड के चालान कर रही है। सोमवार को रात डेढ़ बजे हादसा हुआ। अब रात के समय भी इस क्षेत्र में वाहन चेकिंग अभियान चलेगा। – प्रह्लाद नारायण मीणा, एसएसपी