Sunday, September 21, 2025
Google search engine
Homeअपराधऐसे कर रहे खाते साफ इन बातों का रखें ध्यान साइबर अपराधी...

ऐसे कर रहे खाते साफ इन बातों का रखें ध्यान साइबर अपराधी सेवानिवृत्त बुजुर्ग को बना रहे निशाना

सेवानिवृत्ति के बाद बुजुर्ग जिस जमापूंजी को अपने बुढ़ापे का सहारा मानते हैं, वही अब साइबर ठगों का शिकार बन रही है। कुमाऊं में तेजी से बढ़ रहे डिजिटल अरेस्ट के मामलों में बुजुर्गों को फर्जी पुलिसिया दबाव और बदनामी के खौफ से इतना डराया जा रहा है कि वे परिवार तक को कुछ नहीं बता पाते। बंद कमरे में कई दिनों तक झांसे में फंसे रहने के बाद उनकी जीवन भर की कमाई कुछ ही मिनटों में खातों से साफ कर दी जाती है।

कुमाऊं में डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं
25 अप्रैल 2024 को शिव साईं काॅलोनी बिठौरिया निवासी सेवानिवृत्त अंग्रेजी के प्रवक्ता को दो दिन डिजिटल अरेस्ट कर चार लाख रुपये ठगे।
आठ फरवरी 2025 को आवास विकास हल्द्वानी निवासी सेना से रिटायर्ड बुजुर्ग से सीबीआई का अधिकारी बनकर 16 लाख रुपये ठगी की गई।
25 अप्रैल 2025 को अल्मोड़ा के लमगड़ा निवासी बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट कर 7. 20 हजार रुपये खाते में ट्रांसफर कराए गए।
23 जुलाई 2025 को बेतालघाट निवासी सीआरपीएफ के रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर उनके 60 लाख रुपये पार कर लिए।
24 जुलाई 2025 को रानीखेत की सेवानिवृत्त शिक्षिका को डिजिटल अरेस्ट कर 61 लाख रुपये उड़ा लिए।
26 अगस्त को मल्लीताल क्षेत्र में रिटायर्ड कुलपति को डिजिटल अरेस्ट कर साइबर ठगों ने उनके खाते 1.47 करोड़ रुपये उड़ा लिए।

ड्रग, मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर फोन आए तो सावधान
साइबर ठगों के झांसे में आने वाले अधिकतर बुजुर्ग 60 से 80 वर्ष की आयु के हैं। एक मामले में ठग ने बताया कि उनके आधार और पैन कार्ड का प्रयोग एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में हुआ है और अब उन्हें डिजिटल अरेस्ट किया जा रहा है। डर और भ्रम की स्थिति में बुजुर्ग को वीडियो कॉल पर ही पांच दिनों तक जोड़े रखा गया। धमकाया गया कि यदि उन्होंने किसी से बात की या आदेश नहीं माने तो उनकी गिरफ्तारी या एनकाउंटर भी हो सकता है। एक मामले में यह बताया गया कि मुंबई एयरपोर्ट पर उनके नाम से एक कोरियर मिला है जिसमें ड्रग्स पाई गई है। धमकाया कि पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने आ रही है। गिरफ्तारी से बचना है तो कमरे में बंद होकर बात करें।

इन बातों का रखें ध्यान
बैंक डिटेल्स, ओटीपी, पिन, आधार नंबर किसी से भी साझा न करें।
किसी भी परिस्थिति में अकेले निर्णय न लें। तुरंत किसी भरोसेमंद व्यक्ति से बात करें।
सरकारी अधिकारी या बैंक नाम से वीडियो कॉल पर धमकी आ रही तो डरे नहीं तुरंत नंबर ब्लाॅक करें।
यदि कोई पैसे भेजने या कोई भी संदिग्ध काम करने का दबाव डाल रहा है तो समझें धोखाधड़ी का प्रयास है।
तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें और अपनी शिकायत दर्ज कराएं।

लोगों को यह समझना होगा कि पुलिस या कोई भी एजेंसी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। डिजिटल अरेस्ट के नाम पर कोई ऑडियो या वीडियो काल कर रहा है तो सतर्क हो जाएं। नंबर ब्लाक करें। परिजनों से बात करें। बार-बार परेशान करने पर नजदीकी थाने में आकर शिकायत कर सकते हैं। – प्रह्लाद नारायण मीणा, एसएसपी।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine






Most Popular

Recent Comments