हल्द्वानी। चोरगलिया फाटक के पास रेलवे लाइन की सुरक्षा का काम पूरा नहीं हो सका है। कछुआ गति से ऐसे ही निर्माण कार्य चलता रहा तो 15 करोड़ के काम बाढ़ में ताश की पत्ते की तरह बह जाएंगे। पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश से गौला नदी उफान पर है और नदी का बहाव रेलवे पटरी की ओर होने लगा है। एहतियातन नदी से पोकलेन और बुलडोजर को बाहर निकाला जा चुका है। वर्ष 2022 में गौला नदी के उफान पर आने से चोरगलिया रेलवे फाटक के पास पटरी संख्या तीन खतरे में आ गई थी। 2023 में गौला ने लाइन नंबर तीन को अपनी चपेट में ले लिया था। बिजली के कुछ खंभे नदी में समा गए। पटरी को तार से बांधने की नौबत आई।
तत्कालीन डीआरएम रेखा यादव ने निरीक्षण किया और आईआईटी रुड़की के इंजीनियरों की देखरेख में बरेली के ठेकेदार ने काम शुरू किया। इसकी अनुमानित लागत 15 करोड़ रुपये बताई गई है। विभाग व ठेकेदार ने लाइन तीन को तो बहने से बचा लिया लेकिन सुरक्षा कार्यों को तेज गति से नहीं किया जिससे ये कार्य पूरे नहीं हो पाए। इन दिनों लगातार बारिश के कारण पानी बहाव फिर पटरी की ओर हो गया है। गौला का जलस्तर बढ़ा तो सीमेंट के ब्लाॅक बहने का खतरा है। एक ब्लाॅक बहते ही पूरा काम प्रभावित हो सकता है।
लाइन नंबर तीन पर दौड़ रही ट्रेन
पानी का बहाव भले ही रेलवे पटरी की लाइन नंबर तीन की ओर हो गया हो लेकिन इसका अभी ट्रेनों के संचालन पर असर नहीं पड़ा है। लाइन नंबर तीन पर ट्रेनों की आवाजाही हो रही है। काठगोदाम से अलग-अलग क्षेत्रों के लिए रोजाना 10 ट्रेनें अपडाउन करती हैं। रेलवे लाइन के सुरक्षा कार्य को तेजी से करने के निर्देश दिए गए हैं। 60 फीसदी से अधिक काम हो गया है। नदी की ओर बड़े ब्लाॅक डाले जा चुके हैं। – संजीव शर्मा, सीनियर डीसीएम।