Wednesday, November 5, 2025
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बाढ़ से अब तक 43 की मौत पठानकोट में पहाड़ दरके, लुधियाना में सेना ने संभाला मोर्चा

पंजाब में बाढ़ महाविनाश का कारण बन रही है। पानी की वजह से अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है। 23 जिलों के 1902 से अधिक गांव पानी की चपेट में हैं, जिससे 3.84 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। गांवों में बाढ़ग्रस्त लोगों और प्रशासन के बीच सीधा संपर्क स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रभावित गांवों में एक-एक गजटेड अफसर नियुक्त करने के आदेश दिए हैं। प्रभावित लोग इन अधिकारियों के साथ अपनी समस्याएं साझा कर सकेंगे।

भाखड़ा डैम का जलस्तर खतरे के निशान से मात्र एक फीट नीचे
हिमाचल के ऊपरी क्षेत्रों में हो रही जोरदार बारिश व बादल फटने की घटनाओं के चलते भाखड़ा डैम के जल स्तर में तेजी से होती वृद्धि को देखते हुए बीबीएमबी मैनेजमेंट से चारों फ्लड गेट 9-9 फीट तक खोल दिए।मिली जानकारी के अनुसार एक लाख से भी अधिक पानी की आमद के साथ भाखड़ा डैम का जलस्तर 1679 फीट पर पहुंच गया था। इस दौरान ट्रबाइनों व फ्लड गेटों के माध्यम से कुल 85 हजार क्यूसेक पानी की निकासी कर सतलुज दरिया के किनारे बसे निचले ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत मचा दी हालांकि डीसी रूपनगर वर्जित वालिया और शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने सुबह ही लोगों से अपने अपने घर छोड़ सुरक्षित स्थानों की ओर चले जाने को कह दिया था।भाखड़ा डैम से छोड़े गए 85 हजार क्यूसेक पानी में से नंगल डैम से निकलने वाली नंगल हाइडल व श्री आनंदपुर साहिब हाइडल नहर में 9-9 हजार जबकि सतलुज दरिया में 67 हजार क्यूसेक पानी जा रहा है जिससे हर्षा बेला, पत्ती दुचली, पत्ती टेक सिंह,सैंसोंवाल,एलगरंा, बेला ध्यानी, बेला ध्यानी लोअर, बेला राम गढ़, शिव सिंह बेला, प्लासी, सिंघपुरा, जोहल, तर्फ मजारी, भलाण, कलित्रा, दड़ोली लोअर व दबखेड़ा में खतरा बढ़ गया है।

लुधियाना में कमजोर पड़ा बांध
पानी ने लुधियाना में भी असर दिखाना शुरू कर दिया। पहले शनिगांव डूबने के बाद अब सतलुज दरिया के किनारे बसे ससराली कॉलोनी इलाके में बांध कमजोर हो गया है। बांध कमजोर होने का पता चलते ही कैबीनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां और डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन मौके पर पहुंच गए। उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी सरकार को दी और सेना को बुलाना पड़ा। शुक्रवार की सुबह से पानी आने से पूरे गांव और आसपास के एरिया को खाली करवा दिया गया है। बांध कमजोर होने की सूचना मिलते ही सेना ने ससराली काॅलोनी इलाके में मोर्चा संभाल लिया है। उनके साथ एनडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई है। जो बांध को पक्का करने का काम जारी कर दिया है। इसके साथ साथ प्रशासन किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता। प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की तैयारी कर ली है और लोगों को किसी ऊंचे स्थान पर जाने को कह दिया है ताकि कोई अनहोनी न हो।इसी तरह धुस्सी बांध का भी डिप्टी कमिश्नर हिमांशु जैन ने दौरा किया। फिलहाल लुधियाना में अभी किसी बड़े इलाके में पानी नहीं आया है लेकिन दरिया के आस-पास के गांवों में रहने वाले लोगों को प्रशासन ने अलर्ट किया हुआ है।

युद्धस्तर पर जारी बचाव-राहत कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। हालांकि तबीयत खराब होने की वजह से वो अरविंद केजरीवाल के साथ बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने नहीं जा पाए। उनकी जगह आप के प्रदेश अध्यक्ष व मंत्री अमन अरोड़ा ने केजरीवाल को पंजाब में बाढ़ की स्थिति से अवगत कराया। विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल व मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि 2 हजार करोड़ के राहत पैकेज संबंधी पंजाब के मांगपत्र पर केंद्रीय मंत्री शिवराज चौहान ने सकारात्मक विचार का समर्थन दिया है। सरकार ने केंद्र से बकाया 60 हजार करोड़ रुपये भी जारी करने की मांग की है।

पठानकोट में दरके पहाड़, रास्ते हुए बंद
पठानकोट में पहाड़ों का दरकना लगातार जारी है। शाहपुरकंडी डैम साइड जुगियाल-धारकलां रोड पर बारिश की वजह से एक केरू पहाड़ का मलबा गिरने से यातायात ठप हो गया है। वहीं, चक्की खड्ड के पास भी एक पहाड़ दरक खड्ड में गिरा है। चक्की खड्ड में कटाव की वजह से पहाड़ गिरने लगे है। दूसरा डैम साइड रोड पर पहाड़ का भारी मलबा गिरने से रोड बंद होने से लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

पानी में उतरे केंद्रीय कृषि मंत्री
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि पंजाब के पांच जिलों में बाढ़ के कारण हुई क्षति को लेकर केंद्र सरकार चिंतित है। इसी लिए प्रधानमंत्री नरेेन्द्र मोदी ने क्षति का जायजा लेने के लिए उन को पंजाब भेजा है। वीरवार को अमृतसर पहुंचे शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरान किया। उन्होंने रावी दरिया से अजनाला के गांव घोनेवाला में हुई क्षति का जायजा लिया। वे बाढ़ पीड़ित लोगों से भी मिले। इस दौरान कृषि मंत्री ने पानी में उतरकर स्थिति का जायजा लिया।

चार लाख एकड़ रकबा डूबा, केंद्र से तत्काल आर्थिक राहत की मांग
देश का अन्न भंडार पंजाब बाढ़ के कारण कठिन दौर से गुजर रहा है। इसके लिए राज्य के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से तत्काल वित्तीय राहत और बड़ा विशेष वित्तीय पैकेज देने की अपील की। इसके साथ ही उन्होंने बाढ़ की मार झेल रहे चार लाख एकड़ कृषि भूमि के लिए किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे में वृद्धि की भी मांग की। खुड्डियां ने केंद्रीय कृषि मंत्री के साथ अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और इस प्राकृतिक आपदा के कृषि क्षेत्र पर पड़े गंभीर असर को उजागर किया।

पंजाब की बाढ़ से प्रधानमंत्री चिंतित
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चाैहान ने पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दाैरा करने के बाद कहा कि पंजाब में बाढ़ की जो परिस्थितियां हैं, उससे प्रधानमंत्री अत्यंत चिंतित हैं। उन्हीं के निर्देश पर मैं हालात समझने पंजाब गया था।पंजाब में जलप्रलय की स्थिति है। फसलें तबाह और बर्बाद हो गई हैं। संकट की इस घड़ी में केंद्र सरकार पंजाब की जनता और किसानों के साथ खड़ी है। अब बाढ़ग्रस्त इलाकों के पुनर्निमाण के लिए हमें योजनाबद्ध तरीके से काम करने की जरूरत है। पंजाब को इस संकट से बाहर निकालने के लिए अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं बनानी होंगी। मैं प्रधानमंत्री को पंजाब के नुकसान की विस्तृत रिपोर्ट सौंपूंगा। संकट बड़ा है, लेकिन इस संकट से निकलने के लिए केंद्र सरकार कोई भी कसर नहीं छोड़ेगी। साथ ही राज्य सरकार को भी पूरी गंभीरता के साथ जमीनी स्तर पर काम करना होगा। जब पानी उतरेगा तो बीमारी फैलने का खतरा सामने होगा। मरे हुए पशुओं का सुरक्षित तरीके से निस्तारण करना होगा, जिससे बीमारी न फैले। खेतों में सिल्ट जमा हो गई है, उसे हटाने की योजना बनानी होगी, ताकि अगली फसल पर संकट न रहे।अटल बिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे और प्रकाश सिंह बादल पंजाब के मुख्यमंत्री, तब फसलों को बाढ़ से बचाने के लिए सतलुज, ब्यास, रावी और घग्गर नदियों के किनारों पर बांध मजबूत और ऊंचे किए गए। अवैध खनन के कारण वे कमजोर हो गए और गांवों में पानी आ गया। अब जरूरी है कि उन संरचनाओं को मजबूत करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी से पंजाब को बचाया जा सके।चाैहान ने लिखा कि संकट की इस घड़ी में मैंने पंजाब में पीड़ितों की सेवा करने की मिसाल देखी। अपने-अपने गांव से ट्रैक्टर्स में भोजन, कपड़े, दवाईयां लेकर हजारों समाजसेवी निकल पड़े और गांव-गांव में सेवा कर रहे हैं। मैं पंजाब के इस सेवा भाव को प्रणाम करता हूं। पीड़ित मानवता की सेवा ही भगवान की पूजा है। इस आपदा की घड़ी में न सिर्फ पंजाब, बल्कि आसपास के राज्यों के लोगों ने भी मदद के हाथ बढ़ाए हैं। एकता और सेवा का यही भाव हमें बड़े से बड़े संकट से भी बाहर निकलने की शक्ति देता है। हम इस संकट से भी पंजाब की जनता को पार ले जाएंगे।

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