बरेली में हिंदू संगठन के लोगों ने शुक्रवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। संगठन के लोगों ने बताया कि जोगी नवादा में चक महमूद पुराना शहर मौर्य गली से होकर बाबा बनखंडी नाथ मंदिर की कांवड़ यात्रा और शाहनूरी मस्जिद से निकलने वाले मोहर्रम अजूबा जुलूस के मार्ग, समय और डीजे की अनुमति को लेकर दोनों पक्षों के बीच एक समझौता किया गया है जो व्यवहारिक नहीं है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के महानगर मंत्री संजय शुक्ला ने प्रथम पक्ष डॉ. राकेश कश्यप पुत्र गोविंद राम निवासी मौर्य गली थाना बारादरी और द्वितीय पक्ष ईशाक पुत्र अशफाक निवासी अलवी चौराहा थाना बारादरी के बीच हुए समझौते को एकतरफा और पक्षपातपूर्ण बताया। उनका कहना है कि इस समझौते को खुली सभा में होने का दावा किया गया, जबकि इसमें न तो किसी जिम्मेदार क्षेत्रीय व्यक्ति को बुलाया गया और न क्षेत्रवासियों की राय ली गई। समझौते में शामिल लोग सामाजिक कार्यों से भी जुड़े नहीं हैं।
शिकायती पत्र में तीन मुख्य आपत्तियां दर्ज कराईं
कांवड़ यात्रा के लिए केवल 20 मिनट का समय निर्धारित, जबकि अजूबा जुलूस के लिए दो घंटे का समय दिया गया।
कांवड़ यात्रा में केवल एक छोटे हाथी वाहन पर चार सुराही की अनुमति, जबकि अजूबा जुलूस को पांच वाहनों पर डीजे की अनुमति।
कांवड़ यात्रा में मात्र 20–25 श्रद्धालुओं की सीमा तय, जबकि मोहर्रम चादरपोशी व अजूबा जुलूस में शामिल लोगों की कोई सीमा नहीं।
लोग बोले- समझौता पक्षपातपूर्ण
लोगों का कहना है कि इस तरह का समझौता पक्षपातपूर्ण है। उन्होंने मांग की कि इसे तत्काल रद्द किया जाए और पुनः खुली सभा बुलाई जाए, जिसमें क्षेत्र के सभी समुदायों के जिम्मेदार लोग शामिल हों। साथ ही प्रशासन से इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई करने की मांग की गई। राजकुमार राजपूत, विकास सोमवंशी, अलंकृत सक्सेना , केके शंखधार, परम केसवानी, जितेंद्र सोनू , अंकित कुमार ,राज कश्यप, संजीव वर्मा ,आकाश वर्मा, अतुल कश्यप, जितेंद्र कुमार, अमन वर्मा, जतिन कश्यप, साहिल वर्मा, आशु कश्यप,आशीष सक्सेना आदि लोग शामिल रहे।