यमुना में आई बाढ़ से नदी किनारे खड़े संरक्षित स्मारकों को क्षति की आशंका है। मंगलवार को महताब बाग और ताज व्यू प्वाइंट पानी में डूब गए। दोनों जगह पर्यटकों का प्रवेश बंद कर दिया गया है। इसके अलावा एत्माउद्दाैला स्मारक के यमुना की तरफ बने 12 कमरों और आगरा किले की खाई में पानी भर गया है। ताजमहल पश्चिमी गेट की पार्किंग का रास्ता जलमग्न हो गया है। शहर की 100 से ज्यादा काॅलोनियां डूबी हैं। हजारों लोग राहत शिविरों और अपने परिचितों के घर शरण ले रहे हैं।बाढ़ के कारण यमुना ताजमहल की दीवार को छूकर बह रही है। ताज के पिछले हिस्से में बना गार्डन डूब चुका है। दहशरा घाट पर पर्यटकों का प्रवेश बंद है। रास्ते में पानी भरा है। ताजमहल की खान-ए-आलम नर्सरी में भी बाढ़ का पानी भर गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को स्मारकों में बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे के लिए यमुना का जलस्तर घटने का इंतजार है। उधर, ताजमहल आने वाले पर्यटकों की संख्या भी मंगलवार को घट गई। बाढ़ का पानी यमुना किनारा रोड पर भरा है।
यमुना एक्सप्रेस-वे और लखनऊ एक्सप्रेस-वे से आने वाले पर्यटकों के लिए ताजमहल, आगरा किला जाने का यही रास्ता है। यहां स्ट्रेची ब्रिज के नीचे चार फीट तक जलभराव है, जिसमें पर्यटकों के वाहन पानी में डूब रहे हैं।महताब बाग का रखरखाव भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण करता है, जबकि ताज व्यू प्वाइंट का संचालन आगरा विकास प्राधिकरण करता है। दोनों विभागों ने पर्यटकों का प्रवेश फिलहाल रोक दिया है। महताब बाग में भारतीय पर्यटक के लिए टिकट 20 रुपये, जबकि विदेशी पर्यटक के लिए 200 रुपये टिकट है। यह स्मारक सुबह 6 से शाम 6 बजे तक खुलता था। शुक्रवार को ताजमहल बंद रहने के कारण बड़ी संख्या में यहां पर्यटक पहुंचते हैं। ताज व्यू प्वाइंट से ताजमहल का नजारा बेहद खूबसूरत होता है। ताज व्यू प्वाइंट पर भारतीय पर्यटक का टिकट 50 रुपये और विदेशी पर्यटक का टिकट 200 रुपये है। दोनों स्मारक डूबने से विभागों को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।
बाढ़ में ढह गया था जोहरा बाग
यमुना किनारे स्थित संरक्षित स्मारक जोहरा बाग 2023 में यमुना में आए उफान और बारिश के कारण ढह गया था। जोहरा बाग की एक मंजिल ध्वस्त होकर गिर पड़ी थी। रखरखाव व संरक्षण में लापरवाही के कारण संरक्षित स्मारक खंडहर में तब्दील हो गया था। उधर, महताब बाग स्थित ग्याराह सीढ़ी पार्क में भी पानी भर गया है। आगरा किला की खाई में चार फीट पानी है। मंटोला नाला उल्टा बहने के कारण यमुना का पानी आगरा किले की खाई में भर रहा है।
मोक्षधाम डूबे, सड़क किनारे जल रहीं चिताएं
बाढ़ की विभीषिका में मोक्षधाम डूब गए हैं। विद्युत शवदाह गृह बंद है। ऐसे में माैत के बाद अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार करने के लिए भी लोगों को जगह नहीं मिल रही है। मंगलवार को पोइया घाट पर मोक्षधाम में पानी भरने के कारण लोगों को सड़क पर चिताएं जलानी पड़ीं। पोइया घाट पर खासपुर, जगनपुर, सिकंदरपुर, दयालबाग, स्वामीबाग सहित 50 से अधिक गांव व कॉलोनियों के लोग अंतिम संस्कार करने के लिए आते हैं। चार दिन से मोक्षधाम में पांच फीट पानी भरा है। चिता स्थल भी डूब गए हैं। सूखी लकड़ी तक मुहैया नहीं हो पा रही हैं। मंगलवार को हीराबाग निवासी एक परिवार अपने स्वजन का अंतिम संस्कार के लिए अर्थी लेकर मोक्षधाम पहुंचे, लेकिन पानी भरा देख वापस लौट आए। भगवान टॉकीज स्थित एक टाल से लकड़ी मंगाई। फिर सड़क किनारे चिता सजाई। शव का अंतिम संस्कार किया।
अंतिम संस्कार के लिए भी नहीं मिली जगह
खासपुर निवासी राम सिंह ने बताया कि मोक्षधाम में पानी भरने के कारण अंतिम संस्कार के लिए भी जगह नहीं मिल रही है। ऐसे में लोग रास्तों और खेतों पर दाह संस्कार करने के लिए मजबूर हैं। उधर, ताजगंज मोक्षधाम में 15 से अधिक चिता स्थल डूब गए हैं। यहां भी पांच फीट पानी भरा है। चिता जलाने को स्थान नहीं। रास्ते तक में पानी भरा है। यहां रोज औसतन 20 से 25 शव अंतिम संस्कार के लिए आते थे, लेकिन पानी भरने के कारण एक या दो शव ही पहुंच रहे हैं। उन्हें भी मोक्षधाम के रास्ते में ही अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। ताजगंज के मोक्षधाम और विद्युत शवदाह ग्रह के रास्ते पर पानी भर गया। श्री क्षेत्र बजाजा कमेटी ने विद्युत शवदाह ग्रह पर होने वाले अंतिम संस्कार बंद कर दिए। लोग खुले मैदान में अंतिम संस्कार करने को मजबूर हैं।