नेपाल के पहाड़ी इलाके में हुई भारी बारिश के कारण गोरखपुर से होकर बहने वाली तीन प्रमुख नदियां सरयू, राप्ती और रोहिन खतरे के निशान को पार कर गई हैं। राप्ती नदी खतरे के निशान से 13 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई है और शहर से सटे तकियाघाट और बहरामपुर के निचले इलाकों में पानी भर गया है।बाढ़ प्रभावित लोग घर छोड़कर दूसरी सुरक्षित जगह चले गए हैं। नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने से जिले के 33 गांव बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। इन गांवों में आवागमन के लिए 22 नावें लगाई गई हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सामुदायिक रसोई घर शुरू किया गया है। शनिवार को बाढ़ प्रभावित लोगों में 800 पैकेट भोजन का वितरण कराया गया। राप्ती नदी उतरासोत गांव के सामने अभी भी कटान कर रही है। कटान रोकने के लिए 100 से अधिक मजदूर लगाकर बचाव कार्य कराए जा रहे हैं। बीते बुधवार को सभी नदियों के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी होने लगी। खतरे के निशान से काफी नीचे बहने वाली राप्ती नदी शनिवार को खतरे के निशान से 13 सेमी ऊपर पहुंच गई।उसके बढ़ने का क्रम जारी है। रोहिन नदी इस पूरे मानसून सीजन में खतरे के निशान के करीब भी नहीं पहुंच पाई थी लेकिन वह भी चार दिन में ही लाल निशान से 91 सेमी ऊपर पहुंच गई। सरयू नदी चौथी बार खतरे के निशान से ऊपर पहुंची है। नदी बरहज में खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर पहुंच गई है।
बाढ़ से घिरे गांवों में आवागमन ठप
सरयू, राप्ती और रोहिन नदी में बाढ़ की वजह से जिले के 33 गांवों में आवागमन प्रभावित हो गया है। इन गावों में आने-जाने के लिए 22 नावें लगाई गई हैं। प्रभावित गांवों में भोजन के पैकेट का वितरण किया गया है। वहीं ग्रामीण अपने जानवरों के भूसा-चारा को लेकर चिंतित हैं।
उतरासोत के सामने नहीं रुका कटान बढी चिंता
गीडा के नजदीक उतरासोत गांव के पास तीसरे दिन भी कटान जारी है। नदी अब करीब 500 मीटर दायरे में गाहासाड़-कोलिया बांध की तरफ कटान कर रही है। सिंंचाई विभाग के मुख्य अभियंता विकास कुमार सिंह की अगुवाई में शुक्रवार की पूरी रात बचाव कार्य चला लेकिन सफलता नहीं मिली।शनिवार को भी वहां 100 से अधिक मजदूरों के साथ बचाव कार्य होता रहा। यहां हो रहे कटान की निगरानी शासन स्तर से भी हो रही है, इस वजह से कमिश्नर और डीएम भी मौके पर जाकर स्थिति की जानकारी ले चुके हैं। एसडीएम सदर की अगुवाई में राजस्व विभाग की टीम भी मामले की अपडेट जानकारी ले रही है।उतरासोत गांव के पास नदी अब 500 मीटर के दायरे में कटान कर रही है। वहां पर कैरेट, परक्यूपाइन सहित अन्य मैटेरियल डाले जा रहे हैं। रात-दिन मजदूर कार्य में जुटे हैं। कटान रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।सरयू नदी का जलस्तर बढ़ा होने की वजह से राप्ती नदी का पानी निकल नहीं पा रहा है। इधर, रोहिन नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ा है। इन सबकी वजह से राप्ती नदी का जलस्तर भी बढ़ा हुआ है: विकास कुमार सिंह, मुख्य अभियंता- सिंचाई विभाग