उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था के लिए यह एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की ताज़ा रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ है कि राज्य ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में उल्लेखनीय राजस्व अधिशेष दर्ज कर अपनी वित्तीय सुदृढ़ता का परिचय दिया है। राजस्व अधिशेष की दिशा में उत्तराखंड में ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस बात का खुलासा भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की हालिया रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में ₹5,310 करोड़ का राजस्व अधिशेष दर्ज कर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस उपलब्धि के साथ उत्तराखंड उन राज्यों में शामिल हो गया है जिन्होंने इस अवधि में राजस्व अधिशेष दर्ज किया है।
सीएजी रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
राजस्व अधिशेष: वर्ष 2022-23 में उत्तराखंड ने ₹5,310 करोड़ का अधिशेष दर्ज किया।
वित्तीय प्रगति का संकेत: यह आंकड़ा राज्य की वित्तीय स्थिति में उल्लेखनीय सुधार को दर्शाता है।
आर्थिक मजबूती का प्रतीक: एक समय “बिमारू” राज्य कहे जाने वाले उत्तराखण्ड ने अब सशक्त वित्तीय प्रबंधन का उदाहरण प्रस्तुत किया है।
सकारात्मक आर्थिक बदलाव: पहले जहां वित्तीय अनुशासन एक चुनौती था, वहीं अब सतर्क प्रबंधन और पारदर्शी नीतियों के ज़रिए यह उपलब्धि संभव हो सकी है।
सीएजी की रिपोर्ट में दर्ज यह उपलब्धि उत्तराखंड की सुशासन की नीतियों का परिणाम है। हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत’ के संकल्प से प्रेरणा लेकर राज्य को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। यह केवल आंकड़ों की उपलब्धि नहीं, बल्कि उत्तराखण्ड की आर्थिक आत्मनिर्भरता और समृद्ध भविष्य की दिशा में रखा गया एक मजबूत कदम है। सरकार पारदर्शिता, जवाबदेही और वित्तीय अनुशासन की नीति पर आगे बढ़ते हुए उत्तराखण्ड को एक विकसित और आत्मनिर्भर राज्य बनाने के संकल्प के साथ कार्य कर रही है। –पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड