रुद्रपुर। जिले में जप-तप और ध्यान के साथ दुर्गा पूजा का शुभारंभ हो गया है। प्रथम नवरात्र पर जिला मुख्यालय के साथ ही आसपास के मंदिरों में श्रद्धालुओं की आवाजाही से रौनक बनी रही। वातावरण देवी के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। अटरिया माता के मंदिर में सुबह पांच बजे से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। सूर्योदय के बाद मंदिर में लोगों की आवाजाही बढ़ने लगी। महिलाओं ने मंदिर प्रांगण में समूह में ढोलक, मजीरे की थाप के बीच भजनों की प्रस्तुति दी। वहीं वनशक्ति मंदिर, पांच मंदिर, जयनगर के अष्टभुजा विंध्यवासिनी मंदिर के साथ ही अन्य देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा। वहीं, भगवानपुर गांव में काशीपुर जिला प्रभारी पुष्कर सिंह काला और भाजपा आर्थिक प्रकोष्ठ के प्रदेश सहसंयोजक व समाजसेवी भारत भूषण चुघ ने नव दुर्गापूजा का का शुभारंभ किया। वहां पर ग्राम प्रधान मनदीप वर्मा थे।
मां शैलपुत्री की आराधना की
काशीपुर/बाजपुर/केलाखेड़ा। काशीपुर क्षेत्र में श्रद्धालुओं ने मां के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की अराधना की। घरों में कलश स्थापित करने के साथ व्रत रखा। मां बाल सुंदरी देवी मंदिर, मां चामुंडा देवी मंदिर, मां मनसा देवी मंदिर, मां शीतला देवी माता मंदिर, गिरीताल मंदिर, द्रोणासागर देवी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं ने पहुंचकर पूजा-अर्चना शुरू कर दी। इधर, बाजपुर नगर के मुख्य मार्ग स्थित प्राचीन शिव मंदिर, श्री शनिदेव मंदिर, तीन मंदिर, दुर्गा मंदिर सहित अन्य मंदिरों में पूजा अर्चना की गई।केलाखेड़ा के वार्ड नंबर एक स्थित दुर्गा माता मंदिर और नगर के शिव मंदिर सहित क्षेत्र के अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं ने विधिवत पूजा अर्चना की। वहां पंडित लक्ष्मी नारायण, अजय कालरा, वीना कालरा, राहुल सक्सेना मौजूद रहे।
बाजपुर में निकाली शोभायात्रा
बाजपुर/महुआखेड़ागंज। नवरात्र के शुभारंभ पर गाजे-बाजे के साथ प्राचीन शिव मंदिर से कलश शोभायात्रा शुरू होकर रामराज रोड होते हुए भौना कॉलोनी पहुंची। शोभायात्रा जगह-जगह स्वागत किया गया। वहां सीताराम तिवारी, सभासद राजदीप तिवारी, अंजू, अंजना, मेघना, रेखा, नीमा जोशी थीं।इधर, महुआखेड़ागंज के मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ रही। माता के दरबार में श्रद्धालु सुबह से ही कतारों में खड़े होकर दर्शन के लिए जुटे।
खटीमा, झनकट और मझोला में भी हुआ पूजन
खटीमा/झनकट/मझोला। नवरात्र के पहले दिन सोमवार को खटीमा, झनकट, देवरी, मझोला, चकरपुर, झनकईया, नगला तराई आदि क्षेत्रों के मंदिरों में भक्त उमड़ पड़े। पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की गई। झनकट स्थित मंदिरों में विशेष पूजन-अर्चना के साथ दुर्गा सप्तशती पाठ और अखंड ज्योति प्रज्वलित की गई। भक्तों ने माता रानी को चुनरी, नारियल और फल अर्पित कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। देवरी में मंदिरों को फूलों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया।