त्योहारी सीजन पर खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने मिलावटखोरी के खिलाफ प्रदेशभर में अभियान शुरू कर दिया है। अभियान के दौरान सभी जिलों में विभागीय टीम खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता की जांच के लिए सैंपल एकत्रित कर रही है। स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त, खाद्य संरक्षा औषधि प्रशासन डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा, अभियान के दौरान दूध व उससे बने उत्पाद, खाद्य तेल, घी, मिठाई, मसाले, आटा, मैदा, बेसन, सूखे मेवे, कुट्टू का आटा उत्पादों की विशेष निगरानी रखी जाएगी।
निर्माण इकाइयों, थोक व रिटेल विक्रेताओं के यहां पर खाद्य नमूने लेकर सरकारी प्रयोगशालाओं में गुणवत्ता मानकों की जांच कराई जाएगी। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को नियमित छापेमारी कर संदिग्ध खाद्य पदार्थों के नमूने प्रयोगशालाओं में भेजने के निर्देश दिए गए। असुरक्षित या मानव उपभोग योग्य न पाए जाने वाले उत्पादों पर तत्काल कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचने वालों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के साथ लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी।
प्रयोगशालाओं से हर सप्ताह रिपोर्ट भेजें
राजकीय खाद्य प्रयोगशालाओं से प्रत्येक सप्ताह जांच रिपोर्ट मुख्यालय को भेजने के निर्देश दिए गए। रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकता तय कर त्वरित कार्रवाई होगी। मानक का उल्लंघन करने वालों पर धारा-32 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। उपभोक्ताओं हेल्पलाइन व व्हाट्सएप से खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता खराब होने की शिकायत कर सकते हैं। सचिव ने कहा, खाद्य नमूनों की जांच दिल्ली स्थित भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) व उत्तराखंड की मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं से कराई जाएगी। इन प्रयोगशालाओं से प्राप्त रिपोर्ट को प्रत्येक सप्ताह सार्वजनिक किया जाएगा।