मोक्ष गदेरे की बाढ़ में मकान और शादी का सामान बह जाने के बाद सेरा गांव के महिपाल सिंह गुसांई की बेटी नीमा की शादी बुधवार को गोपेश्वर के एक बरातघर में संपन्न हुई। आपदा का दर्द समेटे बेटी नीमा को विदा करने गांव के सभी आपदा प्रभावित और नाते-रिश्तेदार पहुंचे हुए थे। अपना दर्द भुलाकर मायके पक्ष के लोगों ने बिटिया को विदा किया। इस दौरान वहां मौजूद हर बराती की आंखें छलक उठीं। 17 सितंबर की रात को धुर्मा गांव की पहाड़ियों पर बादल फटने के बाद आए सैलाब ने मोक्ष गदेरे को रौद्र रूप में तब्दील कर दिया। गदेरे के तेज बहाव में सेरा गांव में आठ मकान बह गए, जबकि अन्य मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। महिपाल सिंह का मकान भी इस आपदा में बह गया।
पूरा परिवार शादी की तैयारी में लगा था लेकिन इस सैलाब में मकान बह जाने से परिवार पूरी तरह से टूट गया था लेकिन नाते रिश्तेदारों ने हौंसला दिया तो गोपेश्वर में बिटिया की शादी सादे समारोह के साथ संपन्न हुई।बुधवार को अपराह्न पांच बजे बरात पोखरी के लिए रवाना हुई। आपदा प्रभावित महिपाल गुसांई की बेटी की शादी में जिला स्तरीय अधिकारी भी जुटे। जिला जज के साथ ही जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी के साथ ही सभी जिला स्तरीय अधिकारियों ने विवाह समारोह में पहुंच कर दुल्हन को आशीर्वाद दिया। आपदा प्रभावित महिपाल गुसांई का कहना है कि घर बह जाने के बाद हिम्मत टूट गई थी लेकिन नाते-रिश्तेदारों ने हौंसला दिया। विवाह समारोह को संपन्न कराने में सभी का सहयोग मिला।