बरेली जिले में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा सामने आया आया है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर प्रारंभिक जांच के बाद 3.49 लाख से अधिक लोगों की सम्मान निधि रोक दी गई है। अब इनकी पात्रता की जांच की तैयारी चल रही है। अपात्रों ने योजना प्रारंभ होने से लेकर अब तक जितनी भी धनराशि ली है, उसकी वसूली की जाएगी। जांच में पाया गया है कि जिले में 627 ऐसे लाभार्थी हैं, जिनकी आयु 18 साल से भी कम है। इसी तरह 12,430 पति-पत्नी सम्मान निधि ले रहे थे। यही नहीं मृतक किसानों के नाम भी सम्मान निधि का पैसा उनके बैंक खातों में जा रहा है। इनके आश्रित भी खतौनी में वारिस बनने के बाद योजना का लाभ उठा रहे हैं।बड़ी संख्या में आयकरदाता भी सम्मान निधि लेते पाए गए हैं। फरवरी 2019 के बाद जिन लोगों ने जमीन खरीदी, वह लोग भी किसान सम्मान निधि का लाभ लेते मिले हैं। इस तरह कुल पांच श्रेणियों में संदिग्धों को चिह्नित किया गया है।
सम्मान निधि लेने वाले अपात्रों से होगी वसूली
कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में जो अपात्र मिले हैं, उनका घर-घर जाकर सत्यापन कराने की योजना बन रही है। इस संबंध में अभी शासन से विस्तृत निर्देश जारी होने शेष हैं। निर्देश प्राप्त होने के बाद स्थिति साफ होगी कि अपात्र मिले लोगों के विरुद्ध क्या कार्रवाई होगी। लेकिन, यह साफ है कि जिन अपात्रों ने गलत तरीके से किसान सम्मान निधि का लाभ उठाया है, उनसे वसूली की कार्रवाई की जाएगी। योजना में किसानों को प्रत्येक वर्ष छह हजार रुपये सम्मान निधि के तौर पर मिल रहे हैं।
सत्यापन में अपात्र मिले 10,430 दंपत्ति
उप कृषि निदेशक ने बताया कि अब तक 18 वर्ष से कम आयु वाले व पति-पत्नी की लिस्ट आई है। 18 वर्ष से कम आयु वाले सभी 627 संदिग्ध जांच में अपात्र मिले। वहीं, 12,430 की लिस्ट में 10,430 लोगों का सत्यापन हुआ है। इसमें पति-पत्नी दोनों योजना का लाभ लेते पाए गए। शेष दो हजार लोगों के डाटा का सत्यापन किया जाना बाकी है।
यह भी जानें
अगस्त 2024 में 5,45,465 किसानों को सम्मान निधि मिली।
22 फरवरी 2025 को 2,82,735 किसानों को लाभ मिला।
02 अगस्त 2025 को 1,95,719 किसानों को सम्मान निधि मिली।
उप कृषि निदेशक अमर पाल सिंह ने बताया कि बड़ी संख्या में लाभार्थियों की पीएम किसान सम्मान निधि रोकी गई है। जिनको लाभ लेने से रोका गया है, उनका सत्यापन कराया जाएगा। इसमें जो अपात्र मिलेंगे, उनसे वसूली की जाएगी।



                                    



