Friday, October 24, 2025
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ड्रग्स फ्री देवभूमि 65% आरोपी खुद नशे के शिकार तस्करी से ज्यादा भारी खुद की लत NCRB रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट बताती है कि उत्तराखंड में नशे की समस्या तस्करी से ज्यादा खुद के इस्तेमाल के कारण बढ़ रही है। यानी यहां सबसे बड़ा दुश्मन बाहर नहीं घर के अंदर है। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2023 में राज्य में एनडीपीएस एक्ट के तहत 1335 मामले दर्ज हुए। इनमें से 877 मामलों में पकड़े गए लोगों ने स्वीकार किया कि वे नशा खुद के उपयोग के लिए लाए थे जबकि केवल 458 लोग तस्करी में शामिल पाए गए। आंकड़े बताते हैं कि देवभूमि का दर्द अब सेवन करने वालों की लत भी बनता जा रहा है। देवभूमि को वर्ष 2025 के अंत तक ड्रग्स फ्री बनाने का सपना पुलिस और सरकार ने बेशक बुना है लेकिन हकीकत कुछ और कहानी कहती है।

हिमालयी राज्यों में नंबर दो पर उत्तराखंड
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार पांच हिमालयी राज्यों में नशा तस्करी के मामलों में उत्तराखंड दूसरे स्थान पर है। देशभर में इसका स्थान 14वां है। सबसे ज्यादा नशा ऊधमसिंह नगर जिले में पकड़ा गया। सरकार और पुलिस ने 2025 तक ड्रग्स मुक्त देवभूमि का लक्ष्य तय किया है। नशा तस्करों के नेटवर्क को तोड़ने के साथ ही प्रशासन अब यूजर्स पर भी निगरानी कड़ी कर रहा है।

हत्या से ज्यादा सड़क हादसों में मौतें
रिपोर्ट में चिंताजनक खुलासा हुआ है उत्तराखंड में हत्या से ज्यादा मौतें सड़क हादसों में हो रही हैं। वर्ष 2023 में 1052 लोगों ने सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाई जिनमें से 313 हिट एंड रन और 739 लापरवाही से हुईं। इसके मुकाबले 183 हत्याएं दर्ज हुईं और 271 लोगों पर हत्या के प्रयास के केस दर्ज किए गए।

पांच हिमालयी राज्यों में नशा तस्करी की स्थिति
राज्य एनडीपीएस एक्ट में दर्ज केस

उत्तराखंड 1335
सिक्किम 31
अरुणाचल प्रदेश 264
हिमाचल प्रदेश 2126
पश्चिम बंगाल 1007

हत्या से ज्यादा सड़क हादसों में मौत
उत्तराखंड में हत्या से ज्यादा मौतें सड़क हादसों में हो रही है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2023 में प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में 1052 लोगों की मौत हुई। 313 लोगों ने हिट एंड रन व 739 लोगों ने लापरवाही के कारण जान गंवाई। इसी तरह वर्ष 2023 में राज्य में 183 लोगों की हत्या हुई। 271 लोगों पर हत्या के प्रयास में मामला दर्ज हुआ। 270 लोगों को गंभीर चोटें आईं। भ्रूण हत्या के दो मामले रिकार्ड किए गए हैं।एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट वर्ष 2023 के आंकड़ों पर आधारित है। वर्ष 2024 और 2025 में हालात काफी बदले हैं। अब नशा करने और तस्करी करने वालों पर आर्थिक और कानूनी दोनों मोर्चों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। जिलों में गैंगस्टर एक्ट और संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई लगातार चल रही है।- डाॅ. नीलेश आनंद भरणे, पुलिस प्रवक्ता

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