रानीखेत (अल्मोड़ा)। मौसम में लगातार बदलाव के बीच उप जिला चिकित्सालय रानीखेत में इन दिनों बच्चों में वायरल फीवर और फ्लू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अस्पताल में प्रतिदिन 50 से 52 बच्चे उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें अधिकतर को तेज बुखार, सर्दी-जुकाम, सिरदर्द और शरीर दर्द की शिकायत है।अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. जीवन प्रसाद ने बताया कि बीते कुछ दिनों से मौसमी संक्रमण और वायरल फ्लू के मामलों में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि दिन और रात के तापमान में बदलाव बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित कर रहा है, जिससे वे तेजी से संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। कुछ बच्चों में बुखार के साथ उल्टी-दस्त, गले में खराश और बदन दर्द जैसे लक्षण भी सामने आ रहे हैं।डॉ. प्रसाद ने लोगों से कहा कि किसी भी प्रकार के बुखार या संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कहा कि स्वच्छता बनाए रखना, मच्छरों से बचाव के उपाय अपनाना और घर के आसपास पानी जमा न होने देना बेहद जरूरी है।
फीवर और वायरल फ्लू के सामान्य लक्षण
तेज बुखार (अक्सर 101- 103 डिग्री तक)
सर्दी-जुकाम और छींक आना
गले में खराश या दर्द
सिरदर्द और बदन दर्द
थकान और कमजोरी महसूस होना
उल्टी दस्त (कुछ मामलों में)
खांसी और गले में बलगम जमा होना
भूख कम लगना और चिड़चिड़ापन
डॉक्टरों की सलाह
बच्चों को आराम दें और उन्हें अधिक से अधिक तरल पदार्थ (गुनगुना पानी, सूप आदि) पिलाएं
तुरंत बुखार की दवा (डॉक्टर की सलाह से) दें, बिना खुद से दवा न शुरू करें
ठंडी या बाहर की चीजें खाने से बचाएं
स्वच्छता बनाए रखें और मच्छरों से बचाव के उपाय करें
कोट-
अस्पताल में फिलहाल पर्याप्त दवाएं और जांच की सुविधाएं उपलब्ध हैं जिससे कि मरीजों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों को बाहर का तला-भुना या ठंडा भोजन न दें और उन्हें गुनगुना पानी पिलाएं। – डॉ जीवन प्रसाद, बाल रोग विशेषज्ञ, उप जिला चिकित्सालय रानीखेत