हल्द्वानी। सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) जागरूकता सप्ताह के तहत बुधवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज में नेल्स स्किल सेंटर एवं एनेस्थीसिया विभाग की ओर से प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई।कार्यशाला का उद्घाटन प्राचार्य डॉ. जीएस तितियाल, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरुण जोशी, नोडल अधिकारी डॉ. दीपा देउपा, एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. एके सिन्हा एवं डॉ. केसी पांडे ने किया। एनेस्थीसिया विभाग के चिकित्सकों ने प्रतिभागियों को सीपीआर की प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया कि जब किसी व्यक्ति की सांस रुक जाती है तो सही समय पर और सही तरीके से सीपीआर देने से उसकी जान बचाई जा सकती है। विशेषज्ञों ने कहा कि हृदय गति रुकने की स्थिति में पहले एक घंटे को ‘गोल्डन ऑवर’ कहा जाता है। इस अवधि में यदि सही चिकित्सा सहायता मिल जाए तो मरीज की जान बचाई जा सकती है। वहां डॉ. दीपक शर्मा, डॉ. गौरव कुमार, डॉ. श्रेया, डॉ. शिव शंकर सहित एमबीबीएस, पैरामेडिकल एवं नर्सिंग के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
सीपीआर की जानकारी हो तो बचाई जा सकती है किसी की जान
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