Monday, October 20, 2025
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मिट्टी के दीयों से घर रोशन कर इनकी भी मनाएं दीपावली

गदरपुर। आधुनिकता की चकाचौंध से दूर मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हारों के लिए दीपावली का पर्व बहुत खास होता है। नगर के मुख्य बाजार गोदावरी रोड सगनिया रोड सहित अन्य स्थानों पर जगह-जगह दीपक, दीपमाला और कुल्हड़ आदि के स्टॉल लगाकर बैठे लोगों का कहना है कि काश इस दिवाली उनका पूरा सामान बिक जाए। ताकि उनके घर पर भी दिवाली का उजाला फैले और घर आंगन में खुशियों की बहार बनी रहे।गदरपुर के निकटवर्ती ग्राम लखनऊ में करीब 40 से अधिक कुम्हार परिवार रहते हैं। यह परिवार मिट्टी के घड़े, सुराही, गुल्लक, दीये और दीपमाला आदि दीपावली में उपयोग होने वाली वस्तुओं का निर्माण करते आए हैं। लेकिन बदलते समय के साथ लोगों का मिजाज भी बदला है। कई कुम्हार परिवार अपने इस पुश्तैनी कार्य को छोड़ चुके हैं।

इसका कारण वे मेहनत अधिक और मुनाफा कम होना बताते हैं। इसी गांव की जावित्री और मोहित बताते है कि उन्हें दिवाली पर्व का बेसब्री से इंतजार रहता है क्योंकि दीपावली पर दीयों की मांग ज्यादा होती है इसलिए दिन-रात मेहनत करके दीये, कुल्हड़ और दीपमाला आदि बनाए जाते हैं मगर वर्तमान में लोग अपने घरों को विद्युत चालित झालरों से सजाने लगे हैं जिससे उनके बनाए सामान की मांग घट रही है।इधर पालिका अध्यक्ष मनोज गुंबर की ओर से क्षेत्रवासियों से दीपावली पर अपने घर आंगन को सजाने के लिए मिट्टी के दीयों का अधिक से अधिक प्रयोग करने की अपील की गई है।

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