दून पुस्तकालय और संगीतांजलि की ओर से शुक्रवार को स्वर संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शास्त्रीय संगीत की गूंज छाई रही। मुख्य कलाकार ऋत्विज पंत ने अपने शास्त्रीय गायन से लोगों का मन मोह लिया। कार्यक्रम की शुरुआत में आदित्य पंत ने गणेश वंदना, सरस्वती वंदना और भजन प्रस्तुत किए। संगीत संध्या में तबले पर प्रदीप्त डे ने शानदार प्रदर्शन किया वहीं आदित्य पंत, श्याम भार्गव और ईशान धामी ने गायक के रूप में अपनी प्रस्तुतियों से कार्यक्रम को समृद्ध किया। अन्य कलाकारों में विभूषित सिंह ने तबले पर और धर्मेंद्र मिश्रा ने सारंगी पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।
मुख्य कलाकार ऋत्विज पंत ने राग मालकौंस, मध्यालय और तराना में भैरवी, ठुमरी और भजन प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. वीके डोभाल ने किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के संगीत कार्यक्रम समाज में सांस्कृतिक चेतना को बढ़ावा देते हैं। केंद्र के अध्यक्ष प्रो. बीके जोशी ने शास्त्रीय संगीत के जीवन में महत्व और उसकी उपयोगिता पर विचार साझा किए। इस अवसर पर संगीतांजलि के अध्यक्ष सुनीत अग्रवाल, ज्ञान गुप्ता, आलोक सरीन, डॉ. पंकज नैथानी, अरुण असफल, जागृति डोभाल, बद्रीश छाबड़ा, डीपी जुयाल, सुंदर सिंह बिष्ट सहित शहर के अन्य संगीत प्रेमी उपस्थित रहे।







