मदर केयर अस्पताल में एक मरीज के पेट में ऑपरेशन के दौरान पट्टी छूटने के मामले में अब जांच नई दिशा में आगे बढ़ेगी। कई वरिष्ठ शल्य चिकित्सकों से बातचीत में यह बात सामने आई है कि ऑपरेशन के दौरान इस्तेमाल होने वाली स्पंज (पट्टी) खून से लथपथ होने के बाद शरीर के अंग का ही रूप ले लेती है और स्पंज के पेट में छूटने की संभावना रहती है। ऐसे में अब ऑपरेशन के प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है। इसलिए इस मामले में अब जांच होगी कि आपरेशन प्रोटोकॉल का पालन हुआ था या नहीं।गत दिनों में एक महिला की मौत तब हो गई थी, जब उसके पेट में प्रसव के लिए किए गए ऑपरेशन के दौरान स्पंज छूट गया था। मरीज की मौत ऑपरेशन के करीब नौ महीने बाद हुई है। जांच में यह बात सामने आई है कि महिला का ऑपरेशन मदर केयर अस्पताल में हुआ था। इस पूरे मामले में गठित की गई तीन सदस्यीय कमेटी जांच में जुटी हुई है। इसमें अब एक नया मोड़ सामने आया है।
मरीज के ऑपरेशन के दौरान प्रोटोकॉल का अनुपालन किया गया था या नहीं अब इस दिशा में जांच आगे बढ़ाने के लिए कमेटी को निर्देश दिए गए हैं। शल्य चिकित्सकों के अनुसार ऑपरेशन के सभी प्रोटोकाल उन्हें प्राथमिकता से पढ़ाए जाते हैं। जब किसी भी मरीज का ऑपरेशन किया जाता है, तो 40 से भी अधिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें बड़ी संख्या में स्पंज के साथ ही ऑर्ट्री फॉर्सेट और कैंची समेत अन्य उपकरण शामिल हैं। चिकित्सक बताते हैं कि स्पंज का इस्तेमाल खून के प्रवाह को रोकने समेत अन्य कई कार्याें में किया जाता है। ऐसे में स्पंज जब खून से पूरी तरह लथपथ हो जाता है तो वह दिखने में बिल्कुल शरीर के अंग की तरह लगने लगता है। ऐसे में लापरवाही बरती गई तो वह शरीर में ही छूट जाता है। प्रदेश में इस तरह के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। इसके लिए संबंधित शल्य चिकित्सक की निगरानी में ऑपरेशन से पहले और बाद में सभी उपकरणों की गिनती की जाती है। ऐसे मदर केयर अस्पताल भी सवालों के घेरे में है, क्या ऑपरेशन के दौरान उपकरणों की गिनती की गई थी। आने वाले समय में इस तरह की घटनाएं न हों इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने ऑपरेशन के प्रोटोकाल का पालन करने के कड़े निर्देश दिए हैं।







