नैनीताल। विश्व प्रसिद्ध कैंची धाम क्षेत्र में पर्यटक वाहनों के बढ़ते दबाव के चलते जाम की समस्या को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने शटल सेवा को पीपीपी मोड पर चलाने का निर्णय लिया है। इसके लिए शासन और पुलिस मुख्यालय को प्रस्ताव बनकर भेज दिया गया है, ताकि नियत शुल्क तय कर यहां से श्रद्धालुओं को कैंची धाम भेजा जाए। बता दें यातायात के दृष्टि से कैंची धाम प्रशासन व पुलिस के लिए चुनौती बनता जा रहा है। प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं के पहुंचने के कारण कैंची धाम में भवाली व गरमपानी की ओर मीलों लंबा जाम लगना आम हो गया है। इसीलिए शटल सेवा संचालित करने का निर्णय लिया गया है। डग्गामारी भी रुकेगी : श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए पूर्व में प्रशासन ने भवाली व भीमताल से शटल सेवाएं संचालित की हैं जिसका किराया भी निर्धारित किया गया। उस दौरान कई पर्यटकों ने अतिरिक्त किराया लेने के आरोप लगाए। पीपीपी मोड पर शटल संचालित होने से इस डग्गामारी में नियंत्रण लगेगा।
प्रदूषण पर भी होगा नियंत्रण
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) की ओर से किए गए एक शोध में सामने आया है कि पहाड़ी क्षेत्रों में वाहनों का बढ़ता दबाव हवा की गुणवत्ता पर बुरा असर डाल रहा है। हजारों की संख्या में पर्यटक वाहनों के आने से कैंची धाम में नॉन मीथेन हाइड्रोकार्बन का स्तर 50 पीपीबी (पार्ट्स पर बिलियन) पहुंच गया है। यह आंकड़ा हल्द्वानी शहर की तुलना में करीब दोगुना है। ऐसे में अगर यहां शटल सेवा को संचालित किया जाएगा तो कुछ हद तक प्रदूषण को भी नियंत्रित किया जा सकेगा। कैंची धाम के श्रद्धालुओं की बढ़ती आमद देखते हुए शासन और पुलिस मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें शटल सेवा को पीपीपी मोड पर संचालित करने की बात कही है, ताकि एक शुल्क तय हो जाए और जाम न लगे। – रिद्धिम अग्रवाल, आईजी कुमाऊं।



 
                                    



 
 
 
 
 
