हल्द्वानी। उत्तराखंड जल संस्थान डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ कुमाऊं मंडल के अधिवेशन में जल जीवन मिशन के लिए धनराशि न मिलने से योजना के लटकने, रिक्त पदों को भरने जैसे मुद्दे जोर-शोर से उठाए गए। इस दौरान सर्वसम्मति से शेखर चंद्र जोशी को मंडलीय अध्यक्ष और गौरव पंत को महासचिव चुना गया। आरटीओ रोड स्थित बैंक्वेट हॉल में शुक्रवार को आयोजित संघ के छठे अधिवेशन में मुख्य अतिथि के तौर पर जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता विशाल सक्सेना और विशिष्ट अतिथि के रूप में संघ के प्रांतीय अध्यक्ष मनोज बर्गली व महासंघ के जिलाध्यक्ष पुष्कर आर्या मौजूद रहे। मंडलीय अध्यक्ष पंकज उपाध्याय ने नई कार्यकारिणी के गठन पर चर्चा की। इस क्रम में वीरेंद्र मेहता को वरिष्ठ उपाध्यक्ष, रवींद्र पाठक को उपाध्यक्ष, भास्कर सुयाल को कोषाध्यक्ष, विपुल पुडीर को लेखा परीक्षक, डंपी को संगठन सचिव, खुशबू जोशी को महिला उपाध्यक्ष चुना गया।वहां हरीश पंत, प्रमोद पांडे, बहादुर कुवार्बी, रवींद्र कुमार, सुभाष गंगोला, कृष्ण बुघानी, शिल्पा मिश्रा, शशांक तिवारी, दिनेश चंद्र, नरेंद्र रिखाड़ी, मोहन रावत, ललित मोहन ऐठानी आदि समेत अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत जिले से आए इंजीनियर मौजूद रहे।
जेजेएम के लिए धन न मिलने पर जताई नाराजगी
अधिवेशन में जल संस्थान के इंजीनियरों ने सिविल एवं विद्युत यांत्रिक संवर्ग को अलग-अलग किए जाने की भी मांग उठाई। उनका कहना था कि इंजीनियर पूर्ण मनोयोग से जल जीवन मिशन के कार्य कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार के स्तर से धनराशि नहीं मिल रही। योजना पूरी न होने से विपरीत परिस्थितियां खड़ी हो रही हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि ऐसे में किसी इंजीनियर पर कार्रवाई की गई तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। कहा कि विभाग में जीएम व एसई स्तर के अधिकारियों के पद रिक्त हैं, ऐसे में इंजीनियरों को विभागीय कार्यां के लिए देहरादून के चक्कर लगाने पड़ते हैं।







