काशीपुर। सीतापुर नेत्र चिकित्सालय के दोबारा शुरू होने के लगभग एक साल बाद भी नेत्र चिकित्सक की तैनाती नहीं होने से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तत्कालीन मुख्यमंत्री एनडी तिवारी के प्रयास से वर्ष 1986 में मोहल्ला कटोराताल क्षेत्र में डॉक्टर एमपी मैमोरियल सीतापुर नेत्र चिकित्सालय की शुरुआत हुई थी। उस समय सरकारी अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ नहीं हुआ करते थे। उस वक्त 50 बेड वाले इस चिकित्सालय में काशीपुर के अलावा जसपुर, बाजपुर, रामनगर, ठाकुरद्वारा समेत आसपास शहरों के लोग इलाज कराने पहुंचते थे। अस्पताल में तैनात डॉ. अनिल सारस्वत ने 1998 में तैनाती ली थी। अपने 24 वर्षों की सेवा के बाद 31 मार्च 2022 को उन्होंने वीआरएस ले लिया। उनके वीआरएस लेने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने इसको जून 2022 में बंद कर दिया था। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने पुरानी हो चुकी बिल्डिंग का जीर्णोद्धार कराकर नया स्वरूप दिया।
लगभग एक वर्ष पहले अस्पताल को नई मशीनों के साथ दोबारा शुरू कराया गया। अस्पताल खुलने के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर नेत्र रोगी यहां पहुंचने लगे और इलाज कराने लगे हैं और प्रतिदिन 30-35 लोगों की ओपीडी हो रही है लेकिन अस्पताल में सर्जन नेत्र रोग विशेषज्ञ नहीं होने से मोतियाबिंद के ऑपरेशन नहीं होने से निराशा हैं।क्षेत्र निवासी हरीश कुमार सिंह, क्षेत्र के पार्षद शाह आलम ने अस्पताल प्रबंधन से सर्जन नेत्र रोग विशेषज्ञ की तैनाती की मांग की है। उनका कहना है कि अस्पताल में आंखों का इलाज मिल रहा है लेकिन ऑपरेशन नहीं होने से समस्या हो रही। अस्पताल प्रबंधक टीम के सदस्य डीके शर्मा ने बताया कि किन्हीं कारणों से डॉक्टर की तैनाती नहीं हो सकी है। अस्पताल प्रबंधन की ओर से जल्दी अस्पताल में डॉक्टर की तैनाती कर दी जाएगी।







