पूरी दुनिया अभी कोरोना वायरस जैसी महामारी को भुला भी नहीं पाई है कि अब एक और ऐसे वायरस ने दस्तक दी है। इस वायरस का नाम ‘मारबर्ग’ है, जिसका पहला मामला पूर्वी अफ्रीकी देश इथियोपिया से सामने आया है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार इथियोपिया में पहली बार मारबर्ग वायरस रोग के मामलों की पुष्टि की है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार ओमो क्षेत्र में नौ लोग संक्रमित पाए गए हैं, यह इलाका दक्षिण सूडान की सीमा के पास है। यह पुष्टि तब हुई जब स्वास्थ्यकर्मियों ने कुछ मरीजों में वायरल हेमोरेजिक बुखार से जुड़े लक्षण देखे।मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम ने शुक्रवार को कहा कि इथियोपिया की स्वास्थ्य एजेंसियों ने तेज और पारदर्शी कदम उठाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि जल्दी की गई कार्रवाई इस बात को दर्शाती है कि देश गंभीरता से इस संकट को प्रारंभिक चरण में ही काबू में करने के लिए काम कर रहा है।
इलाज में जुटी डब्ल्यूएचओ की टीम
बता दें कि मामले के सामने आने के बाद डब्ल्यूएचओ की टीम इथियोपियाई अधिकारियों के साथ मिलकर संक्रमितों का इलाज कर रही है, संभावित संपर्कों का पता लगा रही है और वायरस के अन्य क्षेत्रों में फैलने को रोकने की कोशिश कर रही है। वहीं अफ्रीका सीडीसी के निदेशक डॉ जॉन नकेंगासॉन्ग ने कहा कि यह प्रकोप खासकर चिंता का कारण है क्योंकि दक्षिण सूडान सीमा के पास है और वहां की स्वास्थ्य व्यवस्था कमजोर है।
क्या है मारबर्ग वायरस और इसके लक्षण?
गौरतलब है कि मारबर्ग वायरस ईबोला वायरस के परिवार का हिस्सा है और गंभीर हेमोरेजिक बुखार पैदा करता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, चकत्ते और भारी आंतरिक या बाहरी रक्तस्राव शामिल हैं। यह वायरस संक्रमित व्यक्तियों के शरीर के तरल पदार्थों या संक्रमित वस्तुओं जैसे बिस्तर और कपड़ों के संपर्क से फैलता है।अभी तक मारबर्ग वायरस के लिए कोई अनुमोदित टीका या विशेष इलाज नहीं है। मरीजों का उपचार केवल लक्षणों के प्रबंधन, तरल पदार्थ और आराम पर आधारित होता है। इथियोपिया की स्वास्थ्य टीम ने संक्रमित लोगों को अलग रखा है और इलाज कर रही है। साथ ही, संभावित संपर्कों की जांच और पूरे समुदाय में स्क्रीनिंग की जा रही है।







