मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बारिश न होने और कोहरा छाने से हवा की गुणवत्ता बिगड़ी है। खासकर पटेलनगर, घंटाघर, आईएसबीटी, हरिद्वार रोड और जीएमएस रोड पर हवा की गुणवत्ता खराब हुई है। निजी वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, देहरादून में पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों में ही प्रदूषण कणों की मात्रा बढ़ी हुई है, जिससे एक्यूआई स्तर ऊपर गया है। शुद्ध आबोहवा के लिए पहचाने जाने वाले देहरादून में फिर वायु प्रदूषण बढ़ गया है। शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 100 पार पहुंच गया है। इससे आबोहवा खराब श्रेणी में दर्ज की गई है। निजी वेबसाइटों में तो ये आंकड़ा 171 तक पहुंच गया है। पीएम 2.5 का स्तर लगातार बढ़ने के कारण दून की हवा जहरीली हो रही है।
एक्यूवेदर डॉट कॉम में दून का एक्यूआई 171 दर्ज किया गया
पीएम 2.5 का स्तर खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है। कुछ स्थानों पर ये मानक से तीन गुना तक अधिक है। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंडी हवाओं की कमी और वायुमंडलीय स्थिरता प्रदूषण कणों को नीचे सतह पर फंसा रही है, जिससे हवा आराम से साफ नहीं हो पा रही।केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी बुलेटिन में दून का एक्यूआई 106 रहा। इसमें प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण पीएम 2.5 का बढ़ा हुआ स्तर माना गया। वायु प्रदूषण की निगरानी करने वाली निजी वेबसाइटों की बात करें तो एक्यूवेदर डॉट कॉम में दून का एक्यूआई 171 दर्ज किया गया। इसमें पीएम 2.5 का स्तर बहुत खराब माना गया। आईक्यू एयर डॉट कॉम में दून का औसत एक्यूआई 128 रहा। वहीं, एक्यूआई डॉट इन में एक्यूआई 135 दर्शाया गया। बता दें कि जीरो से पचास तक एक्यूआई का स्तर बहुत अच्छा माना जाता है। 51 से 100 तक संतोषजनक रहता है। 101 से 200 तक खराब श्रेणी में माना जाता है।







