अब महिला स्वयं सहायता समूहों के क्लाउड किचन से मनपसंद स्वादिष्ट व्यंजन घर पहुंचेंगे विकास विभाग की ओर से जोमैटो व स्वीगि की तर्ज पर 25 क्लाउड किचन बनाने की तैयारी की जा रही है। इनसे देशी-विदेशी व्यंजनों समेत उत्तराखंड के पहाड़ी व्यंजन जैसे मंडुआ की रोटी और झंगोरे की खीर का स्वाद भी लोग ले सकेंगे।विकास विभाग की ओर से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के माध्यम से महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। इन समूहों की महिलाओं को स्वरोजगार देने का कार्य किया जा रहा है, ताकि, महिलाएं स्वावलंबी बन सकें।इस क्रम में अब महिलाओं को क्लाउड किचन से स्वरोजगार देने की योजना विभाग की ओर से बनाई गई है।
चयन करने की प्रक्रिया शुरू
इसमें जनपद में 25 क्लाउड किचन पहले चरण में तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। ये क्लाउड किचन जोमैटो और स्वीगि की तरह कार्य करेंगे, लेकिन, इनमें खाने-पीने की चीजें महिला स्वयं सहायता की सदस्यों की ओर से तैयार की जाएंगी। क्लाउड किचन बनाने के लिए महिलाओं स्वयं सहायता समूहों का चयन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।क्लाउड किचन चलाने वाली महिलाओं को चयन कर जल्द ट्रेनिंग दी जाएगी। जिससे महिलाएं क्लाउड किचन में गुणवत्तायुक्त स्वादिष्ट व्यंयन स्वच्छता के साथ परोस सकें। क्लाउड किचन चलाने वाली महिलाओं को विभाग की ओर से सरकारी मदद और सस्ती दरों पर ऋण भी उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि, महिलाएं कलाउड किचन का बेहतर ढंग से संचालन कर सकें।
होम डिलीवरी के लिए ऑनलाइन होगी बुकिंग
होम डिलीवरी के लिए ऑनलाइन बुकिंग होगी। इसके लिए क्लाउड किचन के लिए बेवसाइट, एप और पोर्टल आदि तैयार किए जाएंगे। जिनमें भोजन, नाश्ता के अलावा अपनी पसंद की खाने-पीने की चीजों को ग्राहक होम डिलीवरी अपने नजदीकी क्लाउड किचन से मंगवा सकेंगे। क्लाउड किचन चलाने वाली महिलाओं की ओर से होम डिलीवरी की सुविधा देने के लिए व्यवस्था की जाएगी।
महिला परिवार के पुरुषों को भी मिलेगा स्वरोजगार
क्लाउड किचन में महिला स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों को तो स्वरोजगार मिलेगा ही, साथ ही महिलाओं के परिवार के पुरुषों को भी रोजगार मिल सकेगा। इन्हें क्लाउड किचन में तैयार चीजों को होम डिलीवरी करने के लिए रखा जाएगा। जिसमें महिला सदस्य अपने बेटों, पतियों और परिजनों को होम डिलीवरी ब्वॉय के रूप में रख सकेंगी। इससे इन्हें भी क्लाउड किचन से रोजगार मिल सकेगा।जनपद हरिद्वार में क्लाउड किचन के लिए बहुत संभावनाएं हैं, क्योंकि, हरिद्वार शहर एक विश्वव्यापी धर्मनगरी है। जिसमें विश्वभर के लोग आते हैं। इसके अलावा सिडकुल के साथ भी भगवानपुर, बहादराबाद, रुड़की आदि में बड़ी संख्या में कर्मचारी काम करते हैं। जिनके पास भोजन बनाने के लिए समय नहीं है, इसलिए, क्लाउड किचन संचालति होने से महिलाओं को स्वरोजगार और लोगों को अपनी पसंद का अच्छा खाना भी मिल सकता है। योजना को जल्द धरातल पर उतारने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। -डाॅ. ललित नारायण मिश्र, मुख्य विकास अधिकारी, हरिद्वार







