एस्ट्रो विलेज बेनीताल में आज 21 नवंबर से चार दिवसीय एस्ट्रोवीक सीजन-थ्री का आयोजन किया जा रहा है। चार दिवसीय इस खगोलीय उत्सव में कई तरह के उपकरणों का प्रयोग किया जाएगा। बेनीताल उत्तराखंड का प्रथम एस्ट्रोविलेज है। यहां पर पिछले तीन साल से लगातार खगोलीय उत्सव आयोजित किया जा रहा है। इसी के क्रम में अब इसका तीसरा सीजन आज 21 नवंबर से शुरू हो रहा है। चार दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में साफ और अंधेरे आसमान में लोगों को अदभुत अनुभव कराया जाएगा। इसमें सूर्योदय शूट, लैंडस्केप, नेचर, फोटोग्राफी, यूनिस्टेलर लेपीस्कोप डेमो, जुपिटर और डीप स्काई आब्जर्वेशन, चंद्रमा व होली ग्रेल एस्टोफोटोग्राफी आदि सत्र आयोजित किए जाएंगे। विभिन्न कार्यशालाओं, खगोलीय चर्चाओं, उन्नत फोटोग्राफी प्रशिक्षण और बोनफायर के साथ तारों की कहानियां कार्यक्रम भी किया जाएगा।
अनोखे खगोलीय सौंदर्य का अनुभव कर सकेंगे
24 नवंबर को स्टार ट्रेल्स, डीप स्काई रैप-अप के साथ कार्यक्रम संपन्न होगा। जिला पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया कि एस्ट्रोवीक का उद्देश्य खगोल विज्ञान, पर्यटन और शिक्षा को बढ़ावा देना है, ताकि लोग यहां अनोखे खगोलीय सौंदर्य का अनुभव कर सकें।इसके लिए पर्यटन विभाग तैयारियों में जुटा हुआ है। कार्यक्रम के लिए विभाग की ओर से पंजीकरण किए जा गए हैं। कर्णप्रयाग से लगभग 30 किमी की दूरी पर स्थित एस्ट्रो विलेज बेनीताल 13 जिले 13 डेस्टिनेशन के तहत चयनित पर्यटक स्थल हैं। यहां पर्यटन विभाग 5 करोड़ की लागत से कई कार्य करवा रहा है जिसके तहत तीसरी बार यहां खगोलीय घटनाओं और चांद तारों को नजदीकी से देखने के लिए एस्ट्रोविक सीजन 3 का आयोजन किया जा रहा है। चार दिवसीय कार्यक्रम में दूरबीन से चांद तारों को करीब से देखने का मौका मिलेगा। साथ ही खगोलीय चर्चाओं के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। जिला पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़ ने बताया लोगों के रहने के लिए होम स्टे तैयार किए जा रहे हैं। साथ ही टेंट, बोन फायर, यातायात सुविधा आदि की व्यवस्थाएं की जा रही हैं।







