ऊधमसिंह नगर में सस्ता गल्ला वितरण में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला हुआ है। जिले में 2450 अपात्र परिवार वर्षों से गरीबों का राशन डकारते रहे और व्यवस्था आंख मूंदे बैठी रही। अंत्योदय परिवार (एएवाई) श्रेणी में 205 और प्राथमिकता प्राप्त परिवार (पीएचएच) श्रेणी में 2245 अपात्र लोगों ने फर्जी तरीके से अपना कार्ड चलाकर सरकारी राशन हड़प लिया।राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना गरीबों का पेट भरने के लिए बनी थी लेकिन जिले में गुटबाजी, धांधली और फर्जीवाड़े ने इसे लूट का जरिया बना दिया। नियमों को ताक पर रखकर जिलेभर में अपात्र कार्ड बनाए गए और वर्षों तक सरकारी अनाज की लूट चलती रही। तीन श्रेणियों एपीएल, बीपीएल और अंत्योदय में मिलने वाला सरकारी राशन अपात्र लोगों ने कब्जा लिया। इससे असली जरूरतमंद खाली कटोरा लेकर लाइन में खड़े रह गए।
राशन कार्ड निरस्त होंगे
जिले में अपात्र लोगों के राशन खाने की जानकारी सामने आते ही खाद्य आपूर्ति विभाग ने जांच शुरू कर दी है। शुरुआती सत्यापन में अंत्योदय के 205 और बीपीएल के 2245 कार्डधारक अपात्र मिले हैं। ये परिवार वर्षों से गरीबों के हिस्से का राशन खा रहे थे। अब इनके राशन कार्ड निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है।
किच्छा में सबसे अधिक अपात्र मिले
राशन कार्डों के सत्यापन में सबसे अधिक किच्छा में 621 अपात्र परिवार पाए गए जबकि बाजपुर में सबसे कम 125 अपात्र मिले। किच्छा में विशेष समुदाय के लोगों ने खूब राशन खाया। जिले में राशन कार्डों का सत्यापन किया गया। 34,000 से अधिक राशन कार्ड का सत्यापन करने पर 32,000 से अधिक पात्र और 2450 परिवार अपात्र पाए गए। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। अपात्र राशन कार्ड निरस्त किए जाएंगे। – विनोद चंद्र तिवारी, प्रभारी जिला पूर्ति अधिकारी
यह है नियम
पांच लाख रुपये सालाना आय से कम लोग एपीएल कार्ड धारक (पीला कार्ड) की श्रेणी में रखे गए हैं जिन्हें हर महीने 7.50 किग्रा चावल प्रतिमाह 11 रुपये किलो की दर पर मिलता है।
15 हजार प्रतिमाह से कम आय वाले लोग बीपीएल कार्ड धारक (सफेद कार्ड) की श्रेणी में आते हैं। इन्हें एक यूनिट पर 1.900 ग्राम गेहूं व 3.100 किग्रा चावल मुफ्त मिलता है।
तीसरी श्रेणी है निराश्रित लोगों के लिए जो अंत्योदय में आते हैं। इसमें शामिल लोगों को एक कार्ड पर 35 किग्रा प्रतिमाह राशन मिलता है जिसमें 21.700 ग्राम चावल व 13.300 ग्राम गेहूं शामिल है।







