नैनीताल। नैनीताल के खूपी, आलूखेत, भुमियाधार और ढुंगसिल में भूस्खलन से रोकथाम के लिए यूएलएलएमसी को डीपीआर बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गइ है। जल्द ही यूएलएलएमसी की ओर से क्षेत्र का सर्वेक्षण कर डीपीआर तैयार की जाएगी। खूपी, आलूखेत, भुमियाधार और ढुंगसिल गांव पिछले एक दशक से भूस्खलन की मार झेल रहा है। लोगों की शिकायतों के बाद बीते वर्ष कमिश्नर दीपक रावत और डीएम ने क्षेत्रों का निरीक्षण किया था। इसके बाद सिंचाई विभाग ने अति संवेदनशील खूपी गांव की सुरक्षा के लिए अल्पकालिक योजना तैयार कर प्रस्ताव बनाकर डीएम को सौंपा था। इसी क्रम में डीएम ने सिंचाई विभाग को जिले से 24 लाख रुपये का बजट दिया था।
विभाग की ओर से भूस्खलन रोकने के लिए गांव की तलहटी पर अल्पकालिक सुरक्षा कार्य किए गए। विभाग की ओर से खूपी में संवेदनशील ग्रामीण परिवारों के विस्थापन के लिए सूची तैयार की गई। सिंचाई विभाग की ओर से भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों को बचाने के लिए दीर्घकालिक योजना पर कार्य किया जा रहा है। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता मनमोहन सिंह बिष्ट ने बताया कि खूपी के साथ आलूखेत, भुमियाधार और ढुंगसिल भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र की रोकथाम के लिए उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केंद्र (यूएलएलएमसी) को डीपीआर बनाने का जिम्मा सौंपा गया है। क्षेत्र का सर्वेक्षण कर डीपीआर बनाएगी। एसडीएम नवाजिश खलिक ने बताया कि खूपी में परिवारों को विस्थापित करने के लिए भूमि चयन की प्रक्रिया गतिमान है। भूमि का चयन होते ही विस्थापन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।







